ग्वालियर।मौसम वैज्ञानिक के अनुसार दक्षिण पश्चिम राजस्थान में हवाओं का चक्रवात बन रहा था। इन हवाओं को अरब सागर से नमी मिल रही थी। इधर पश्चिम की ओर से आनी वाली हवाएं भी नमी लेकर आती हैं। जब यह दोनों हवाएं आपस में मिलती है तो वह बारिश या बर्फवारी कराती हैं। लेकिन पिछले एक सप्ताह से राजस्थान में हवाओं का चक्रवात नहीं बन पा रहा है। इस कारण से पश्चिम की ओर से आने वाली हवाओं को राजस्थानी चक्रवात से नमी नहीं मिल पा रही है। इसलिए आने वाले दिनों में बारिश के आसार कम हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 18 जनवरी को भूमध्य सागर से उठने वाली हवाएं 21 और 22 जनवरी को अपना असर दिखाएंगी पर बूंदाबांदी ही करा सकेंगी। 23 जनवरी से फिर एक बार शीतलहर अपनी चपेट में शहर को लेगी।
ठिठुरन भरी सर्दी में रविवार को कभी धूप तो कभी छांव रही। लेकिन रविवार का दिन प्रदेश में सबसे ठंडा भिंड और ग्वालियर का रहा। रविवार को भिंड में न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री पर पहुंचा तो ग्वालियर का 2.9 डिसे पर। कड़कड़ाती सर्दी के बीच खिली हल्की सी धूप भी राहत देने वाली थी। लेकिन बीच में बादलों का आसमान पर छाना लोगों को परेशान करने वाला था। पूरे दिन सूरज व बदलों के बीच लुका छिपी का खेल चलता रहा।
मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय का कहना है कि 16 जनवरी रविवार को न्यूनतम तापमान पिछले 8 साल में सबसे कम 2.9डिग्री दर्ज किया गया। जबकि अधिकतम तापमान 14.9डिग्री दर्ज किया गया। हवा में आद्रता 91 फीसद और हवा की रफ्तार 2 से 4 किमी प्रति घंटे रही।