ग्वालियर। ठंड के मौसम में बाइक चलाते वक्त यदि कान और नाक को ढंका न जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। ठंडी हवा के कारण कानों में सुनाई देने की समस्या हो सकती है, और यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह बहरेपन का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या तेज हवा के प्रभाव से होती है, जो कानों में खून के प्रवाह को प्रभावित करती है। ठंडी हवा नाक और कान के रास्ते शरीर में प्रवेश करती है, जिससे सर्दी, जुखाम और अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
कान खोलकर बाइक चलाना – क्यों है खतरनाक
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में बाइक चलाते समय यदि कानों को ढंका न जाए, तो हवा सीधे कानों में प्रवेश करती है। कानों में एक काक्लियर धमनी होती है, जो ठंड में सिकुड़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप खून का प्रवाह कम हो सकता है, जिससे कान का न्यूरो एपीथिलियम प्रभावित हो सकता है। इससे अचानक सुनाई देने में रुकावट आ सकती है, और यह समस्या स्थायी हो सकती है।
यूस्टेशियन नली और ठंडी हवा का प्रभाव
नाक और कान के बीच यूस्टेशियन नली होती है, जो मध्य कान में वायु का दबाव संतुलित करती है। जब ठंडी हवा बिना कान ढंके सीधे नली में प्रवेश करती है, तो दबाव बढ़ सकता है और कभी-कभी वेक्यूम बन सकता है। इससे कान का पर्दा सिकुड़ सकता है और सुनाई देने में परेशानी हो सकती है। ठंड में वायरस भी अधिक सक्रिय रहते हैं, और ये वायरस यूस्टेशियन नली में पहुंचकर संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिससे कान में दर्द और सुनाई में कमी हो सकती है।
सावधानी बरतें – कानों को ढक कर बाइक चलाएं
डॉ. सुनील शर्मा, नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ, ग्वालियर का कहना है कि ठंडी और गर्म हवा दोनों ही कानों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। बाइक चलाते वक्त कानों को ढक कर ही बाइक चलाना चाहिए, ताकि कानों पर पड़ने वाला दबाव कम हो और ठंडी हवा के प्रभाव से बचाव हो सके।