ग्वालियर। वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण 27 साल बाद दीपावली पर्व पर 25 अक्टूबर को लगेगा। 40 मिनट की अवधि वाला सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र एवं तुला राशि में लगेगा। इससे पहले यह सूर्य ग्रहण का संयोग दीपावली पर 27 साल पहले 24 अक्टूबर 1995 को भी दीपावली पर पड़ा था। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था। लेकिन मोक्ष काल के बाद दीपावली होने से त्योहारों पर ब्रेक नहीं लगा। यह पहली बार होगा। जब पंच पर्व पर सूर्य ग्रहण का ब्रेक लगेगा। ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा 1 दिन बाद 26 अक्टूबर को होगी।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। 40 मिनट की अवधि वाले ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 25 अक्टूबर को सुबह 4:29 पर लगेगा। और ग्रहण का स्पर्श दिन के 4:31 पर होगा। ग्रहण का मध्य काल 5:14 बजे और मोक्ष काल 5:57 पर होगा। इस ग्रहण के होने से जगत का कल्याण होगा। धन की वृद्धि, उपद्रवो में कमी के साथ जनता में आनंद रहेगा। किंतु राज पुत्रों को पीड़ा सहन करनी होगी। दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण के सूतक के चलते मंदिरों व आश्रमों के पट रहेंगे पूर्णतः बंद।
कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर पर चंद्रग्रहण की छाया रहेगी। ऐसे मेंएक दिन पहले देव दीपावली मनाई जावेगी। डॉ.सोनी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का सूतक काल 8 नवंबर को सुबह 8:10 से शुरू होगा। शाम को 6:10 पर ग्रहण का मोक्ष काल होगा। देव दीपावली के सभी आयोजन शाम को होते हैं। ग्रहण होने के कारण 8 नवंबर को देव दीपावली नहीं मनाई जाएगी। देव दीपावली चंद्र ग्रहण होने के कारण एक दिन पहले 7 नवंबर को मनाई जावेगी।जो कि शास्त्र सम्मत होगी।
राशि गत सूर्य ग्रहण का प्रभाव
– वृषभ राशि, सिंह राशि, धनु राशि, मकर राशि के लोगों के लिए यह सूर्य ग्रहण शुभ रहने वाला होगा।
– मेष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, कुंभ राशि के लिए सूर्य ग्रहण सामान्य रहेगा।
– कर्क राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि, मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण का फल अशुभ रहेगा।