कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में जुलाई से होंगे बड़े बदलाब ,राज्य सरकारें लेंगी फैसला

नई दिल्ली। नौकरीपेशा के लिए जुलाई का महीना काफी अहम रहने वाला है। जुलाई से नया वेज कोड लागू हो सकता है। वेज कोड लागू होने से कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर पर सीधे असर दिखाई देगा। पहले 1 अप्रैल 2021 से नया वेज कोड लागू होना था, लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं होने पर इसे लागू नहीं किया जाएगा।

सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड बनाए हैं। इनमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्‍यूपेशनल सेफ्टी, हेल्‍थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (OSH), सोशल सिक्‍योरिटी कोड और कोड ऑन वेजेज शामिल हैं। लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव ‘वेज’ की परिभाषा का है। इसमें विस्तार किया गया है। नए लेबर कोड का मकसद कंसोलिडेशन पर है। सैलरी का 50 फीसदी सीधे तौर पर वेजेज में शामिल होगा। बता दें, संसद से श्रम सुधारों से जुड़े नए कानून पास हो चुके हैं। अब इन्हें लागू करना है।

कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी काफी अहम है। इसमें कई अहम पहलू हैं। कर्मचारियों के काम के घंटे, सालाना छुट्टियां, पेंशन, PF, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट जैसे अहम मुद्दे पर नियमों में बदलाव होना है। नए नियमों को जुलाई से पहले बदले जाने की संभावना है। लेबर मिनिस्ट्री के लेबर रिफॉर्म्स सेल के एक अधिकारी ने बताया कि लेबर यूनियन की तरफ से PF और सालाना छुट्टियों को लेकर डिमांड रखी गई है। यूनियन चाहती है कि अर्जित अवकाश की फिलहाल जो सीमा है वो 240 दिन है, इसे बढ़ाकर 300 दिन की जानी चाहिए।

 

 

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