दिल्ली :- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आगामी 15-16 जुलाई से पूर्व किसी भी वक्त अपनी नई टीम की घोषणा कर सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल भी होगा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में पार्टी संगठन में बदलावों पर मुहर लगाई गई हैं। बैठक में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता मौजूद रहें।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नई संगठनात्मक टीम में उपाध्यक्ष, महासचिव और 25 मोर्चों तथा विभागों में कुछ ‘नए चेहरे’ शामिल होंगे। नड्डा का उद्देश्य इन मोर्चों को नई दिशा देने का होगा। कुल 8 महासचिवों में से डॉ. अनिल जैन समेत कम से कम दो महासचिवों को बदला जाएगा। एक अन्य महासचिव और महाराष्ट्र की प्रभारी सरोज पांडेय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
वहीं मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने बाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव भी होना है जो यह तय करेंगे कि मध्यप्रदेश में किसकी सरकार रहेंगी। वहीं भूपेंद्र यादव और कैलाश विजयवर्गीय के पास क्रमश: बिहार और पश्चिम बंगाल का प्रभार है। इन दोनों राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में दोनों अपने पद पर कायम रहेंगे।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुख्य मजबूती नए महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष हैं, जिन्होंने राम लाल की जगह पर यह पद संभाला है। संतोष दिवंगत सुंदर सिंह भंडारी के दिनों की याद दिलाते हैं, जो मूलत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से थे और सख्ती के साथ काम करते थे। बीजेपी उपाध्यक्ष के रूप में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बदले रघुबर दास को जिम्मेदारी दी जा सकती है। संगठन में कुल 10 उपाध्यक्ष हैं और उनमें से दो को कहीं और समायोजित किया जा सकता है। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन के चलते संसदीय बोर्ड में रिक्त हुए स्थानों को भरने की कठिन चुनौती भी जेपी नड्डा के सामने है।
यह स्पष्ट है कि विदेश मामलों के विभाग को नई मजबूती प्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि इस क्षेत्र में भाजपा को एक अहम भूमिका निभानी चाहिए। महाराष्ट्र से आने वाली विजय चौथाई वाले की अगुवाई में एक समग्र एवं हाईटेक विदेश मामलों के विभाग को मजबूत बनाया जाएगा।