22.7 C
Bhopal
Friday, September 20, 2024

मध्य प्रदेश में फिलहाल नहीं होगी निगम-मण्डल की नियुक्तियां, इन नेताओं के नाम की चर्चा… ये है वजह

Must read

 

भोपाल। मध्य प्रदेश में निगम मंडल और अन्य सरकारी संस्थाओं में नियुक्तियों का मामला अगले दो महीनों के लिए टल सकता है। जिससे सियासी नियुक्तियों का इंतजार कर रहे नए और पुराने भाजपाइयों के लिए स्थिति अब और लंबी हो जाएगी। इन नियुक्तियों का मामला संगठन चुनाव की प्रक्रिया से प्रभावित हो रहा है।

नियुक्तियों पर रोक की संभावना

लोकसभा चुनाव के पूर्व मौजूदा सरकार ने निगम मंडलों और अन्य प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियों को स्थगित कर दिया था। इस निर्णय के पीछे कहा गया था कि सरकार नए सिरे से नियुक्तियों पर विचार करेगी। वहीं, चुनाव के दौरान कांग्रेस और अन्य दलों के दिग्गज नेताओं ने बड़ी उम्मीदों के साथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी… इस बीच भाजपा ने निगम-मंडलों और विभिन्न समितियों में नियुक्तियों की तैयारी की थी, लेकिन अब संगठन चुनाव के कारण इन नियुक्तियों में देरी हो रही है। भाजपा हाईकमान ने संगठन चुनाव के लिए 10 नवंबर तक का कार्यक्रम तय किया है। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि चुनाव के बाद ही नेताओं को दर्जा मंत्री के पद की नियुक्तियां की जाएंगी।

सदस्यता अभियान का समय-सारणी

31 अगस्त तक: जिला-मंडलों में कार्यशालाएं और बैठकों का सिलसिला।
1 से 25 सितंबर तक: मेंबरशिप के पहले चरण की प्रक्रिया।
1 से 15 अक्टूबर तक: दूसरे चरण की सदस्यता प्रक्रिया।
16 से 31 अक्टूबर तक: सक्रिय सदस्यता अभियान।
1 से 10 नवंबर तक: प्राथमिक और सक्रिय सदस्यता रजिस्टर तैयार करने का समय।

सदस्यता अभियान और टारगेट

पार्टी हाईकमान ने दावेदारों को डेढ़ करोड़ की सदस्यता का टारगेट पूरा करने का नया टास्क सौंपा है। संभावित दावेदारों की सूची भी तैयार की जा रही है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए नेताओं ने अपने आश्वासनों को पूरा करने का दबाव बनाया है। निगम-मंडल और बोर्ड प्राधिकरणों में नियुक्तियों में संगठन की अनुशंसा भी महत्वपूर्ण होगी… क्योंकि सदस्यता अभियान के दौरान निगम मंडल और अन्य संस्थाओं में नियुक्तियां की जाती हैं, तो इससे कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष फैल सकता है। इसलिए इसे तब तक रोका जाना चाहिए जब तक सदस्यता अभियान पूरा नहीं हो जाता। इसके बाद संगठनात्मक चुनाव होंगे और नियुक्तियों की प्रक्रिया भी इसी समय के बाद शुरू की जा सकती है।

मुख्यमंत्री का बयान और कोर ग्रुप की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पार्टी की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में कहा था कि सदस्यता अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को विभिन्न संस्थाओं में पद दिए जा सकते हैं। इस बयान के बाद कोर ग्रुप की बैठक में भी निगम मंडलों में नियुक्तियों पर चर्चा की गई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि राजनीतिक नियुक्तियों को तब तक रोका जाए, जब तक सदस्यता अभियान चल रहा है।

दावेदारों की बड़ी संख्या… लॉबिंग और सूची

निगम-मंडलों और अन्य संस्थाओं के 46 अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए 500 से अधिक दावेदार हैं। इनमें से कई संघ पृष्ठभूमि के हैं, जिन्हें पिछली बार पद से हटा दिया गया था, लेकिन उन्हें नए सिरे से नियुक्तियों में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया गया था। ये दावेदार भोपाल से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग कर रहे हैं। प्रदेश के मंत्रियों को हाल ही में प्रभार वाले जिलों की कमान सौंप दी गई है। अब विभिन्न उपक्रमों में सियासी नियुक्तियों के लिए बड़ी संख्या में दावेदार सक्रिय रूप से लॉबिंग कर रहे हैं। वहीं, जीतू जिराती, सीमा सिंह, कांतदेव सिंह, शर्देन्दु तिवारी, शैलेंद्र शर्मा, रजनीश अग्रवाल, यशपाल सिंह सिसोदिया, सुनील पांडे, कृष्णमोहन सोनी, राहुल कोठारी, अमिता चपरा, जितेंद्र लिटौरिया, आशुतोष तिवारी, विजय दुबे, संजय नगाइच, शैलेंद्र बरुआ, दिलीप शेखावत, धीरज पटैरिया, जसवंत सिंह हाड़ा, हरिवल्लभ शुक्ला और पुष्कर सिंह जैसे नेताओं के नाम निगम-मंडल और अन्य संस्थाओं के लिए दावेदारों में शामिल हैं।

हालांकि, इन नियुक्तियों में संगठन की अनुशंसा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही नए सियासी नियुक्तियों की घोषणा की जाएगी। चर्चा है कि 26 अगस्त के बाद दिल्ली में भाजपा शासित राज्यों की राजनीतिक नियुक्तियों पर बैठक होने की संभावना है, जिसमें संघ और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा और जिसमें नियुक्तियों के नाम और समय तय किया जा सकते हैं।

 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!