नई दिल्ली । साल 2022 की पहली तारीख को मास शिवरात्रि भी है। साल की शुरुआत के दिन जेष्ठा नक्षत्र के साथ वृद्धि योग और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। साल 2022 में जो लोग शादी करने वाले हैं। उनके लिए वैसे तो 2022 में 60 विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। परंतु वर्ष में कुछ अबूझ मुहूर्त होने से आसानी से 2022 में मनचाहा मुहूर्त भी मिलेगा। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार 14 और 15 नवंबर 2021 को देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन अबूझ मुहूर्त इस वर्ष का आखिरी अबूझ मुहूर्त रहेगा। उसके उपरांत वर्ष 2022 में 5 फरवरी 2022 को सिद्धि योग में बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त बनेगा। तदोपरांत फुलेरा दोज 4 मार्च शुभ संयोग में अबूझ मुहूर्त रहेगा। 3 मई अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र में विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त रहेगा। 16 मई पीपल पूर्णिमा पर अबूझ मुहूर्त रहेगा। 8 जुलाई को भड़ली नवमी में विशाखा नक्षत्र में अबूझ मुहूर्त रहेगा। वहीं 2022 का आखरी अबूझ मुहूर्त 4 नवंबर देव प्रबोधिनी एकादशी को होगा।
इस साल देव उठनी एकादशी 2 दिन 14 नवंबर और 15 नवंबर को मनाई जाएगी। देवउठनी ग्यारस पर देवों के उठने के साथ ही समस्त मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत भी होगी। वहीं चतुर्मास की समाप्ति होगी।
इस साल 15 नवंबर से लेकर 13 दिसंबर तक 16 शादी के शुभ मुहूर्त रहेंगे। जगत के पालनहार भगवान विष्णु आषाढ़ मास की एकादशी 20 जुलाई से कार्तिक मास की एकादशी तक योग निद्रा में रहे। इस अवधि को चतुर्मास कहा जाता है। जब भगवान विष्णु नींद से जागते हैं तो उसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है। देवउठनी एकादशी पर तुलसी शालिग्राम के विवाह की भी परंपरा है। एकादशी को अबूझ मुहूर्त की श्रेणी में रखा जाता है। इस दिन बिना पूछे विवाह, नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण ,विवाह, नामांकरण आदि जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद इस सीजन की पहली लगन 19 नवंबर से प्रारंभ होगी।