भोपाल। छत्तीसगढ़ की तरह मध्य प्रदेश में भी शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी (घर पहुंच सेवा) वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति में प्रस्तावित की है। पहले चरण में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में ऐसा करने की तैयारी है। वहीं, दुकानों की नए सिरे से नीलामी करने की जगह पांच फीसद वार्षिक शुल्क बढ़ाकर नवीनीकरण करना प्रस्तावित किया गया। हालांकि, वित्त विभाग इसके पक्ष में नहीं है। मंत्रियों ने भी इस पर आपत्ति उठाई है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए लौटा दिया है।
वाणिज्यिक कर विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते शारीरिक दूरी का पालन कराने के उद्देश्य से हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और तमिलनाडु में मदिरा की ऑनलाइन डिलीवरी की अनुमति है। इसी तर्ज पर प्रदेश के चार महानगरों में इस व्यवस्था को शुरू किया जाएगा। इसमें दुकानदार को ऑर्डर मिलेगा और डिलीवरी ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर द्वारा की जाएगी।
डिलीवरी करने वाले को मदिरा परिवहन का परमिट मिलेगा। विभाग का मानना है कि इस व्यवस्था से न सिर्फ खपत में वृद्धि होगी बल्कि वैध मदिरा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। महंगी शराब बिकने से रुकेगी और दुकानों पर भीड़ कम लगेगी। घर पर शराब की उपलब्धता होने से शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।