भोपाल। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उद्यमियों द्वारा स्थापित स्टार्टअप को सरकार चार चरणों में 72 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 में संशोधन के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही वन्यप्राणियों द्वारा की जाने वाले जनहानि पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की राशि चार लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने का निर्णय को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उद्यमियों द्वारा सेबी से अधिमान्य संस्था से निवेश प्राप्त करने पर एक बार में 18 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
यह चार चरणों में अधिकतम 72 लाख रुपये होगी। ऐसे स्टार्टअप में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की भागीदारी 51 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह प्रविधान करने की घोषणा की थी। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वन्यप्राणियों द्वारा की जाने वाली जनहानि, पशुहानि में अधिकतम चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का प्रविधान था। मुख्यमंत्री ने इसे आठ लाख रुपये करने की घोषणा की थी। यह प्रविधान लागू किया जा चुका है।
अब कैबिनेट की स्वीकृति के लिए इसे प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा बैठक में विदिशा के लटेरी में गोलीबारी की घटना के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग के कार्यकाल में वृद्धि, मध्य प्रदेश कलाकार कल्याण कोष से कलाकारों एवं साहित्यकारों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि, दमोह में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना सहित अन्य विषयों पर विचार किया जाएगा।