भोपाल। मध्य प्रदेश का बजट 9 मार्च को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस बजट के चुनावी होने की पूरी-पूरी संभावना है। प्रदेश की शिवराज सरकार जनता पर किसी भी तरह का टैक्स लगाने के मूड में नहीं दिख रही। सरकार पूरी कोशिश करेगी कि इस बार का बजट महिलाओं और युवाओं के साथ-साथ किसानों पर फोकस हो। सरकार ने विधायकों से भी विकास कार्यों पर प्रस्ताव मांग लिए हैं।
गौरतलब है कि अगले साल सरकार के सामने विधानसभा चुनाव की चुनौती है। दूसरी ओर, 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे। ऐसे में सरकार किसी भी तरह का बड़ा रिस्क नहीं लेगी। इसलिए बजट में सरकार किसानों को साधने के लिए उन्हें किराए पर ड्रोन उपलब्ध कराएगी। ये ड्रोन छोटे किसानों को कस्टमर हायरिंग स्कीम के अंतगर्त दिए जाएंगे। इसके अलावा सरकार कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी बड़ी राहत दे सकती है। इन्हें 31% की दर से महंगाई और राहत भत्ता दिया जाने का प्रावधान बजट में किया जाएगा। सरकार पंचायतों को बड़ा अधिकार देने के बारे में विचार कर रही है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो गांवों में उद्योग-पर्यटन विकसित करने की अनुमति पंचायत ही देगी। पंचायतों को NOC देने का अधिकार मिल जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, शिवराज सरकार जिन योजनाओं पर ज्यादा फोकस कर सकती है उनमें अनूसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी छात्रों की स्कॉलरशिप, तीर्थ दर्शन, शंकराचार्य की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ वेलनेस’, धार्मिक योजना-राम वन गमन पथ न्यास शामिल हैं। सरकार गो-संवर्धन के लिए अलग से योजना ला सकती है। इसके अलावा गांवों की सड़कों के निर्माण पर सरकार विशेष ध्यान देगी। विधायकों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। राज्य सरकार ने बजट तैयार करने से पहले सभी विधायकों से 150 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे थे। विधायकों ने शिक्षा-स्वास्थ्य के साथ सड़कों से जुड़े सबसे ज्यादा प्रस्ताव सरकार को भेजे हैं। विधायकों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता की मुराद पूरी होगी और 2023 के चुनाव में जाने से पहले प्रदेश में विकास के बड़े काम शुरू हो सकेंगे।