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सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर लगी रोक को लेकर सरकार का ये बड़ा फैसला

भोपाल। एमपी के सरकारी महकमे में प्रमोशन का इंतजार कर रहे करीब 3.50 लाख कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार पिछले छह साल से प्रमोशन पर लगी रोक हटाने जा रही है। इसके लिए पदोन्नति नियम 2022 तैयार हो गए हैं। पदोन्नति मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर होगी यानी सीआर (कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) में क्लास-1 के अधिकारी को 15, क्लास-2 को 14 और क्लास-3 को 12 अंक लाना जरूरी होगा।

 

अभी ये पैमाना क्लास-1 से सुपर क्लास-1 अफसरों के प्रमोशन में लागू है। नए नियमों का ड्राफ्ट वित्त विभाग को भेजा गया है, यहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ प्रमोशन में आरक्षण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 अगस्त को होना है। इसलिए नए नियमों के फिलहाल लागू होने में थोड़ी कानूनी अड़चन आ सकती है। बता दें कि साल 2016 से अब तक 70 हजार कर्मचारी बगैर प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं।

 

पदोन्नति में पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे। फिर अनारक्षित। इसे ऐसे समझें। यदि कुल 50 पद हैं और पदोन्नति के लिए 150 कर्मचारी हैं तो पहले 20 पद आरक्षित से भरे जाएंगे। फिर इसमें चाहे कर्मचारी अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी से भी कनिष्ठ हो। बचे 30 अनारक्षित पद में से भी आरक्षित वर्ग का कोई कर्मचारी सीनियर रहता है तो उससे पद भरा जाएगा। इसके बाद बचे पद अनारक्षित को जगह मिलेगी।

 

यदि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति एक बार सामान्य वर्ग के पद पर पदोन्नति पा लेता है तो आगे उसकी पदोन्नति सामान्य में ही की जाएगी। आगे वह अनारक्षित के पदों पर पदोन्नति नहीं ले पाएगा।

 

 

क्लास-3 (ग्रेड-1, ग्रेड-2 और ग्रेड-3) के लिए पांच सालों की ग्रेडिंग के 12 अंक, क्लास-2 के लिए 14 और क्लास-1 के लिए 15 अंक होना जरूरी होगा।

 

 

मेरिट कम सीनियरिटी के अनुसार पदोन्नति में मेरिट सीआर के अंकों को आधार माना जाएगा। मेरिट की 5 श्रेणियां रहेंगी। पहली क+ के 4 अंक यानी 5 साल के 20 अंक हुए। क के 3 यानी पांच साल के 15 अंक। ख के 2 अंक यानी पांच साल के 10 अंक और ग का 1 अंक यानी 5 साल के 5 अंक। घ के 0 अंक यानी फिसड्‌डी। इसमें पहले प्रमोशन पदों के मुताबिक मेरिट के अनुसार होंगे। पहले 20 अंक, 15 अंक, 10 अंक और 0 अंक होंगे।

 

मेरिट तय करने के लिए क्लास-3 के पदों की मेरिट के पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की सीआर लिखेगा, उसका परीक्षण अंडर सेक्रेटरी करेगा और स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी देगा। इसी तरह क्लास-2 के मामलों में सीआर का मामला अपर मुख्य सचिव तक जाएगा। क्लास-1 के पदों पर सीआर की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर होगी।

 

उच्च पदों यानी क्लास-1 और क्लास-2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में यदि दो अफसरों के मेरिट में अंक समान हैं तो उसमें वरिष्ठता देखी जाएगी। पहले वरिष्ठ कर्मचारी को प्रमोशन दिया जाएगा।

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