जबलपुर। खरीफ के बाद रबी उपाज्रन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस सीजन के लिए बोवाई का अंतिम रकबा सामने आ चुका है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि इस साल मध्यप्रदेश में गेहूं का रकबा अप्रत्याशित रूप से घटा है, जबकि जबलपुर जिले में यह बढ़ गया है। इस रबी सीजन में गेहूं का रकबा 10 हजार 250 हेक्टेयर बढ़ा है, जबकि मध्यप्रदेश में यह रकबा लगभग चार लाख 15 हजार हेक्टेयर कम हुआ है।
एक सप्ताह पहले तक जो जानकारियां मिल रही थीं, उनसे लग रहा था कि इस साल जिले में गेहूं की बोवाई का रकबा 10 से 12 हेक्टेयर तक घट सकता है, लेकिन आखिरी के चार दिनों में हुई बोवाई के आंकड़ों ने कमाल कर दिया। सीजन की बोवई पूरी होनेे के बाद कुल रकबा लक्ष्य के मुकाबले 10 हजार 250 हेक्टेयर आगे निकल गया। हालांकि इस सीजन में तिलहनों को लेकर किसानों में बहुत उत्साह नहीं दिखा।
गेहूं के लिए इस सीजन का लक्ष्य एक लाख 88 हजार हेक्टेयर रहा, जबकि वास्तविक बोवाई एक लाख 98 हजार 250 हेक्टेयर हुई। अन्य फसलों को मिलाकर भी बात करें तो जिले में बोवाई का क्षेत्र पिघ्छले वर्ष और इस सीजन के लक्ष्य के अनुपात में अधिक रहा है। पिछले साल बेावई का कुल रकबा दो लाख 68 हजार 290 हेक्टेयर रहा, जिसे इस सीजन के लिए बढ़ाकर दो लाख 77 हजार 600 हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन इस सीजन में बेावाई वास्तविक आंकड़ा दो लाख 78 हजार 730 हेक्टेयर पहुंच गया।
रबी सीजन की सभी फसलों पर नजर डालें तो गेहूं के अलावा मसूर, मटर, तिवड़ा का रबका पिछले सीजन और इस सत्र के और इस साल के लक्ष्य के मुकाबले बढ़ा है। जबकि चना, राई-सरसों, अलसी और गन्ना के रकबे में गिरावट आई है। जिले में गेहूं की बोवनी का लक्ष्य 188 हजार हेक्टेयर रहा, जो 198.25 हजार हेक्टेयर हुआ। इसी तरह चना 39 के मुकाबले 25.59, मसूर चार कुमुकाबले साढ़े चार, मटर 35.6 के मुकाबले 39.6 राई-सरसों 5.5 के मुकाबले 4.86 हजार हेक्टेयर रहा।