इंदौर। एमपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा। इंदौर जिले में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है। जिले की 312 ग्राम पंचायतों के साथ ही इनमें आने वाले वार्डों का भी परिसीमन किया जाएगा। परिसीमन के बाद ही अब चुनाव हो सकेंगे। इसमें अब लंबा समय लग सकता है।
दरअसल,राज्यपाल मंगु भाई पटेल द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश-2021 प्रख्यापित किया गया है। इस अध्यादेश के द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 में एक नई धारा-10 (क) जोड़ी गई है। इसके द्वारा यह प्रविधान किया गया है कि यदि पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व किए गए पंचायतों, उनके वार्डों अथवा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन या विभाजन के प्रकाशन की तारीख से 18 माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन अथवा विभाजन 18 माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में इन पंचायतों और इनके वार्डों का परिसीमन अथवा विभाजन नए सिरे से किया जाएगा। प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिए सितंबर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के परिणामस्वरूप निरस्त हो गई है। अब पंचायतों और उनके वार्डों तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की कार्यवाही की जाएगी। इसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने वर्ष 2014 के पुराने परिसीमन के आधार पर ही राज्य निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा था। इसमें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर चुनाव कराए जा रहे थे। इसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। चुनाव विवादित होने से राज्य शासन ने अपना वह अध्यादेश वापस ले लिया जिसके आधार पर चुनाव कराए जा रहे थे।