भोपाल। मध्यप्रदेश में अब बच्चे भी तेजी से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। 10 दिनों में इंदौर में 150, भोपाल में 136 तो 11 अन्य शहरों में 78 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। स्कूल अभी 50% की क्षमता से खुल रहे हैं। एक बच्चे को सप्ताह में तीन दिन स्कूल जाना पड़ रहा है। ऐसे में पेरेंट्स के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या स्कूल इसी तरह चलते रहेंगे? बंद होंगे या फिर ऑनलाइन ही पढ़ाई होगी। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा में सामने आया कि विभाग ने कोरोना को देखते हुए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
बड़े शहरों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो इन शहरों के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास का खाका तैयार किया है। ये शहर हैं- इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन। यहां पर पहले स्कूल खोलने पर प्रतिबंध लग सकते हैं। इसके बाद ऐसे इलाकों को चिह्नित किया गया है, जहां कोरोना केस बहुत कम हैं। इनमें अभी 50% क्षमता के साथ ही ऑफलाइन पढ़ाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि यहां ऐसे इलाकों में बच्चों की संख्या काफी कम है। यहां पर ऑनलाइन पढ़ाई का इंतजाम नहीं है। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए सावधानी और कोरोना गाइडलाइन के साथ ऑफलाइन पढ़ाई चलती रहेगी।
एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा मिड फरवरी में शुरू होना है। जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उससे फरवरी में थर्ड वेव का पीक आने की आशंका है। ऐसे में एमपी बोर्ड परीक्षा को आगे बढ़ाते हुए अप्रैल में कराने पर विचार कर रहा है। इसी के साथ अन्य क्लास की परीक्षाएं भी कुछ आगे खिसक सकती हैं।
अगर परीक्षा नहीं होती है तो इस तरह तैयार होगा
अगर किसी कारण परीक्षा नहीं होती है, तो फिर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट बनाया जाएगा। इसमें स्टूडेंट्स के तिमाही और छमाही के मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट बनेगा। ऐसे में प्राइवेट परीक्षा के फॉर्म भरने वाले छात्रों को 33% अंक देकर पास किया जा सकता है। इस बार स्कूल शिक्षा विभाग फॉर्मूले के आधार पर रिजल्ट नहीं बनाएगा।