भोपाल: मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी नियाज खान, जिन्होंने पहले ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ और ‘वॉर ऑफ कलियुग’ जैसे उपन्यास लिखे हैं, अब अपने लेखक नाम में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। खान अब माइकन ए नाम से लिखेंगे। उनका मानना है कि खान सरनेम की वजह से उनकी किताबों को कई देशों में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है।
लोक निर्माण विभाग में उपसचिव पद पर कार्यरत खान ने बताया कि वे अपने पुराने उपन्यासों के लेखक के नाम को भी बदलकर माइकन ए करेंगे। उन्होंने कहा, “खान सरनेम के कारण मेरी किताबें कई देशों में अच्छी होने के बावजूद रिजेक्ट हो जाती हैं। इससे मेरी पहचान में भी एक विचारधारात्मक समस्या सामने आती है।”
खान का कहना है कि उनके नाना ने बचपन में उन्हें माइकन ए नाम दिया था, और अब वे इसी नाम से साहित्य जगत में अपनी पहचान बनाएंगे।
नाम बदलने का कारण
नियाज खान का कहना है कि खान सरनेम के कारण कई देशों में उनकी किताबों को बायकॉट किया जाता है। खासकर पश्चिमी देशों में उनकी किताबों को उतनी लोकप्रियता नहीं मिलती, जितनी एशियाई देशों में मिलती है। इसी वजह से उन्होंने अपने नाना द्वारा दिए गए नाम माइकन ए को अपनाने का निर्णय लिया है।
फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष पर 12 साल की रिसर्च
नियाज खान ने फिलिस्तीन और इजराइल के संघर्ष पर आधारित ‘BROWN DESERT IV-786’ नामक उपन्यास लिखा है, जिसे 12 साल की रिसर्च के बाद पूरा किया गया है। यह एक सस्पेंस थ्रिलर है, जिसमें 340 पेज हैं। इससे पहले भी खान अपनी किताब ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।