इंदौर। आजकल ईयरफोन हर किसी की जरूरतों में शामिल हो गया है। फोन पर किसी से बात करना हो या फिर देर रात तक मोबाइल में गाने या फिल्म देखनी हो, ईयरफोन का उपयोग अधिकांश लोग करते हैं। लेकिन ज्यादा समय तक इसका उपयोग करने के कारण कम उम्र में ही लोगों को कम सुनाने की शिकायत होने लगी है। फिर भी लोग इस पर ध्यान नहीं देते। इनके अधिक उपयोग के बीच हम ये भूल गए कि ईयरफोन हमारे लिए कितना हानिकारक है।
नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डा. योगिता दीक्षित ने बताया कि ईयरफोन के ज्यादा इस्तेमाल से न केवल सुनने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि कान में इंफेक्शन और कान के पर्दे खराब होने की आशंका भी रहती है। ईयरफोन से निकलने वाली आवाज ईयरड्रम के करीब से टकराती है, इससे ईयरड्रम को नुकसान होने की आशंका रहती है। समस्या ज्यादा बढ़ने पर बहरेपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
पिछले 10 सालों में पोर्टेबल ईयरफोन से आने वाले लाउड म्यूजिक के कई बुरे प्रभाव देखने को मिले हैं। ईयरफोन का उपयोग करने से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को होता है। कोरोना के बाद से बच्चों में कम सुनने की शिकायत अधिक देखने को मिल रही है। क्योंकि इस दौरान आनलाइन क्लास में मोबाइल के साथ ही ईयरफोन का उपयोग भी अधिक हुआ था।
इसके साथ ही लाउड स्पीकर में गाने सुनने से भी कान से संबंधित समस्या होने लगती है। इसलिए ज्यादा देर तक लाउड स्पीकर में भी गाने नहीं सुनने चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि कम आवाज और थोड़ी दूरी से ही हम गाने सुनें।