अशोकनगर में नवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के गौशाला रोड स्थित जिंदबाबा समिति द्वारा इस वर्ष भी मां दुर्गा की भव्य स्थापना की गई है, जिसका विशेष आकर्षण माता का 23.70 लाख से अधिक मूल्य के सोने और चांदी के आभूषणों से किया गया अद्भुत श्रृंगार है। यह आयोजन प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी लगाई गई है. और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
36 सालों से हो रही है माता की स्थापना
यह जिंदबाबा समिति का 36वां वर्ष है, जब माता दुर्गा की स्थापना की जा रही है। पिछले चार वर्षों से भक्तों द्वारा दिए गए सोने और चांदी के छोटे-छोटे आभूषणों से माता के श्रृंगार के लिए विशेष आभूषण तैयार कराए जा रहे हैं। इस वर्ष, श्रद्धालुओं के सहयोग से कोल्हापुर के कारीगरों द्वारा विशेष महाराष्ट्रीयन आभूषण बनाए गए हैं। इनमें करधोनी, चूड़ी, नथ, हार, झुमकी, और चांदी के विशाल मुकुट समेत अन्य पूजन सामग्री शामिल है।
आभूषणों की बोली की अनूठी परंपरा
जिंदबाबा समिति की एक अनोखी परंपरा है जिसमें प्रतिमा विसर्जन के बाद माता के आभूषणों की बोली लगाई जाती है। पिछले वर्षों में, श्रद्धालुओं ने बोली लगाकर माता के आभूषण अपने पास रखने की इच्छा जताई। समिति के संयोजक महेंद्र भारद्वाज ने बताया कि इस परंपरा से आभूषणों की संख्या और मूल्य में भी वृद्धि हुई है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
माता के दरबार में लगभग 27 तोला सोना और 3 किलो से अधिक चांदी के आभूषणों से माता को सजाया गया है, जिसकी कुल कीमत 25 लाख रुपये से अधिक आंकी गई है। इतनी बड़ी धनराशि के आभूषणों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने 24 घंटे गार्ड तैनात किए हैं और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। 24 घंटे की इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत 1 से 4 गार्ड और 6 से अधिक कैमरे लगातार नजर रख रहे हैं।
नवरात्रि की विशेष तैयारी
नवरात्रि के इस पावन अवसर पर शहर के विभिन्न स्थानों पर माता के भव्य दरबार सजाए गए हैं और भक्तजनों की भारी भीड़ उमड़ रही है। समिति द्वारा इस आयोजन को बेहद खास और सुरक्षित बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है, ताकि माता के भक्त सुकून से पूजा-अर्चना कर सकें।