भोपाल: सोशल मीडिया आजकल सूचना और मनोरंजन का एक बड़ा माध्यम है, लेकिन इसके साथ ही इसके खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में कई हाई-प्रोफाइल लोगों को साइबर ठगों का निशाना बनाया गया है।
जिन अधिकारियों के कंधों पर लोगों को ठगी से बचाने की जिम्मेदारी है, वे खुद साइबर ठगों का निशाना बन रहे हैं। हाल ही में ठगों ने वाट्सएप पर जबलपुर कलेक्टर की फोटो लगाकर उनके रिश्तेदार से 25 हजार रुपए ठग लिए। इसी तरह शहडोल, धार और शिवपुरी के कलेक्टरों के नाम से भी ठगने के प्रयास किए गए हैं।
हाल के दिनों में यह चौथा मामला है जब ऐसे ठगों ने प्रमुख लोगों को निशाना बनाया है। पहले लोक निर्माण मंत्री राकेवा सिंह के नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी की गई। फिर कलेक्टर सवसेना के नाम से भी ऐसा ही प्रयास किया गया और अब श्योपुर के एसपी डॉ. राय सिंह नरवरिया के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया। इस अकाउंट पर पुराने फर्नीचर और घर के सामान के फोटो पोस्ट कर दिए गए, जिसमें लिखा था कि तबादला हो जाने के कारण सामान बेचा जा रहा है। ठगों ने इस बहाने कुछ पैसा भी ले लिया। जब डॉ. नरवरिया को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने अकाउंट को बंद करा दिया।
मुरैना जिले के एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान के नाम से भी फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया गया था, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है। इसके अलावा, इंदौर से लेकर भोपाल तक पूर्व आईपीएस एमएस वर्मा के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे मांगे गए।
शहडोल कलेक्टर तरुण भटनागर के नाम से भी फर्जी नंबर से पैसे मांगने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि कोई भी अपने बैंक खाते या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
कलेक्टर राक्रोना के नाम से भी हाल ही में ठगी की गई। ठग ने कलेक्टर की फोटो का इस्तेमाल कर अपने रिश्तेदार से पैसे ठग लिए। शिकायत साइबर सेल में दर्ज करवा दी गई है और प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के नाम से भी ठगी की कोशिश की गई है। इन मामलों के बाद प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है और साइबर सेल को सूचित किया है। सामान्य लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों से बचना चाहिए।