बांधवगढ़। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों ने मिलकर हाथी का शिकार किया। जानकारी के अनुसार पनपथा परिक्षेत्र के कोर जोन के चितरांव बीट के कक्ष क्रमांक RF 462 बड़वाह मूंडा में बाघों ने मिलकर दो वर्ष के हाथी का शिकार कर किया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के इतिहास में यह पहली घटना है। क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 अप्रैल को दिन में करीब 11 बजे हमारे गश्ती दल ने देखा और सूचना दी। एक नर हाथी का शिकार बाघों द्वारा किया गया है, जिसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई और मौके पर पहुंचकर डॉक्टर के साथ देखा गया। मृत हाथी का पीछे का भाग बाघ द्वारा खाया गया दिखा, जिसमें कुछ दूर बाघों ने मृत हाथी को घसीटा है और तीन बाघों के पग मार्क मिले हैं, जिससे लगता है कि तीन बाघों ने मिलकर खाया है। हालांकि यह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए पहली घटना है।
हाथी के नाखून, दांत वगैरह सभी कुछ मिले हैं, हाथी के शरीर में बाघ के नाखून के निशान भी मिले हैं। नर बाघ भी इस एरिया में देखा गया है, जिससे साफ हो गया है कि नर बाघ द्वारा ही हाथी का शिकार किया गया है। आए दिन बाघों द्वारा वन्य प्राणियों के अलावा मनुष्यों का भी शिकार किया जा रहा है, जिससे साफ-साफ जाहिर हो रहा है, कि बाघों को पर्याप्त आवास की जगह नहीं मिल रही है, जिसके कारण बाघ गांव की तरफ भाग रहे हैं और जो भी सामने आता है। उसका शिकार कर रहे हैं, हालांकि बाघ द्वारा हाथी के शिकार की यह पहली घटना है, इसके पहले कर्नाटक में ऐसी घटना सुनने को मिली थी।