मध्‍य प्रदेश के अनेक जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश के आसार

भोपाल फरवरी के दूसरे पखवाड़े से उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के आने का शुरू हुआ सिलसिला अभी भी जारी है। इसके चलते मध्य प्रदेश में अभी तक अपेक्षाकृत गर्मी नहीं पड़ रही। दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बनने वाले वेदर सिस्टम के कारण नमी आने लगती है। इससे बादल छाने के साथ ही गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने लगती हैं। इससे अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। इसी क्रम में वर्तमान में जहां जम्मू-कश्मीर में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, वहीं दक्षिण-पश्चिम मप्र से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस सिस्टम के कारण मिल रही नमी से मंगलवार से ही प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने लगे हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। शेष स्थानों पर मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।

मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मप्र से लेकर तमिलनाडू तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस सिस्टम के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से कुछ नमी आने लगी है। इस वजह से बादल छाने लगे हैं। इससे एक बार फिर बारिश के आसार बन गए हैं। उधर, एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में मौजूद है। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात भी बना हुआ है। इससे हवा का रूख भी बार-बार बदलने लगा है। मंगलवार को हवा का रुख दक्षिणी रहने से राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। शुक्ला के मुताबिक ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने की संभावना है। उधर एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ वर्तमान में अफगानिस्तान और उससे लगे पाकिस्‍तान पर सक्रिय है। इस सिस्टम के भी गुरूवार शाम तक उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है।

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