इंदौर। एक निजी संस्थान में साधारण नौकरी करने वाले 51 साल के मदनलाल शर्मा ने अपनी पत्नी सुषमा शर्मा की इच्छा पूरा करने बाइक से 5 हजार 5 सौ किमी का सफर तय किया। मदनलाल ने अपनी पत्नी को साथ लेकर 14 दिन में 7 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन किए। दरअसल सुषमा ने तीर्थ स्थल जाने की इच्छा व्यक्त की। लेकिन पैसों की कमी आड़े आई। जिसके चलते मदनलाल उन्हें बाइक से ले निकल पड़े। मदनलाल शर्मा ने बताया कि हमने 8 मई से यात्रा शुरू की। पहले हम रणजीत हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। हम रोजाना करीब 400 किमी चलते। एक बैग में कपड़े और जरूरत का सामान रख लिया था। रात होने के पहले जहां भी सुरक्षित जगह मिलती, वहीं हम रुक जाते। अगली सुबह फिर चल पड़ते। पहले दिन हमने 439 किमी की यात्रा कर घृष्णेश्वर महादेव के दर्शन किए। इसके बाद हम भीमाशंकर, बैद्यनाथ, मल्लिकार्जुन, रामेश्वरम, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग पहुंचे।
मदनलाल ने बताया कि यात्रा के दौरान हम जब दक्षिण के राज्यों में पहुंचे तो वहां भाषा को लेकर दिक्कत आई। हमने कड़पा से मदुरई की 630 किमी की दूरी एक ही दिन में तय कर ली थी। मदन ने बताया कि परली बैद्यनाथ से श्रीसैलम जाते समय जड़चर्ला के आगे मौसम अचानक बदला और तेज बारिश शुरू हो गई। यह रास्ता घने जंगल से गुजरता है। गहरी खाइयां, बड़ी घाटियां और घुमावदार मोड़ के साथ ही मूसलधार बारिश होने से जोखिम बढ़ गया। आखिरकार रात करीब 9 बजे एक ढाबे पर शरण मिली।
मदनलाल ने बताया कि जब हम कन्याकुमारी शहर पहुंचे तो यह बहुत साफ सुथरा था। हिंद महासागर, अरब महासागर और बंगाल महासागर के संगम पर विवेकानंद शिला स्मारक क्षेत्र की स्वच्छता इंदौर जैसी थी। यही वह स्थान पर है जहां स्वामी विवेकानंद ने 130 साल पहले तीन दिनों तक राष्ट्र का चिंतन किया था। मदनलाल ने बताया कि दरअसल पत्नी सुषमा को धर्म और धार्मिक स्थलों पर जाने में बहुत रूचि है। लेकिन उसे कार, बस और ट्रेन में यात्रा करने में दिक्कत होती है। हवाई जहाज में जाने के पैसे नहीं है इसलिए बाइक से जाना ज्यादा अच्छा है। हम दोनों इसके पहले 13 जून से 24 जून 2019 में चारधाम की यात्रा बाइक से कर चुके हैं। इससे 10 साल पहले वैष्णो देवी माता के दर्शन करने भी बाइक जा चुके हैं