वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 2021: रक्त के कारण ही मानव शरीर सुचारु रूप से कार्य करता है| हाल में कोरोना की पहली और दूसरी लहार पर हुई परिस्थिति ने जनमानुष को रक्तदान की अहमियत का एहसास कराया था| रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है| सफ़ेद रक्त कोशिकाएं संक्रमण से लड़ती हैं और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं| इनकी मानव शरीर में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण, चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए इसे सुरक्षित रखना बहुत जरुरी हो जाता है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर में आठ महत्वपूर्ण सार्वजानिक स्वास्थ्य अभियान चला रही है, उनमें से एक है रक्तदान| जरुरतमंदो के शरीर में रक्त चढ़ाकर वर्ष में लाखों जान बचाई जाती हैं| सही समय पर खून उपलब्ध हो जाए तो मरीज खतरे की परिस्थितियों में मौत से जंग जीत लेता है| आज भी कई देशों में रक्तदान को लेकर जागरूकता नहीं है जिससे वहां पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती| स्वैच्छिक रक्तदाता द्वारा नियमित दान से इसकी आपूर्ति संभव है| एक स्वस्थ व्यक्ति साल में तीन बार रक्तदान कर सकता है| दिए गए रक्त को पुनः उत्पन्न करने और शरीर की कार्यप्रणाली को बनाए रखने में अधिक समय नहीं लगता है|
जब हम रक्तदान करते हैं, तो दी गई रक्त की मात्रा अगले 2-3 दिन में ही प्रतिस्थापित हो जाती है और लाल रक्त कोशिकाएं 1-2 महीनों में| इसलिए हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए क्यूंकि यह किसी जरूरतमंद इंसान को नई जिंदगी दे सकता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह लक्ष्य है कि हर देश अपने नागरिकों के मुफ्त स्वैच्छिक रक्तदान से देश में रक्त की आपूर्ति करे|
विश्व रक्तदाता दिवस कब मनाया जाता है
सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों के बारे जागरूकता बढ़ाने के लिए और रक्तदाताओं को उनके स्वैच्छिक रक्तदान के लिए धन्यवाद देने के लिए सन 2004 में विश्व रक्तदान दिवस स्थापित किया गया| इसके लिए दिन चुना गया 14 जून क्यूंकि यह कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती का दिन था| नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टीनर ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने ABO रक्त समूह प्रणाली की खोज की थी|