जबलपुर। देश में एक अप्रैल से टोल किराए में बदलाव हो सकता है। मार्च माह में महंगाई मूल्य सूचकांक तय होगा। जिसके बाद टोल किराया बढ़ना तय है। जबलपुर के तीन टोल इस बढ़ोतरी की जद में आएंगे। निजी से लेकर व्यावसायिक वाहनों को बढ़ी हुई दर पर टोल किराया देना होगा। जाहिर है कि थोक महंगाई सूचकांक बढ़ने का असर जहां परिवहन पर पढ़ेगा वहीं आम लोगों की जेब भी हल्की होगी।
ज्ञात हो कि हर वित्तीय वर्ष में टोल किराए को लेकर समीक्षा की जाती है। सूचकांक के आधार पर देशभर के सभी टोल नाकों पर किराया तय किया जाता है। सामान्यत: पांच से 10 फीसद तक किराया बढ़ता है। इसका असर मासिक पासधारी पर भी होगा। जबलपुर शहर में गौर से बरेला नेशनल राजमार्ग पर सालीवाड़ा में टोल नाका है। इसके अलावा जबलपुर से सिहोरा मार्ग में गोसलपुर के आगे मोहतरा टोल नाका है। वहीं जबलपुर से सिवनी मार्ग में बोहरी पार्क में टोल नाका है। इसके अलावा एक नया टोल जबलपुर से शहपुरा भिटौनी से पहले किसरौद पर खुल रहा है। महंगाई सूचकांक बढ़ने से सीधेतौर पर इसका असर आम लोगों पर होगा।
चार पहिया वाहन से लेकर व्यावसायिक वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने के लिए टोल देना होता है। इसके अलावा हर दिन चलने वाले वाहन मासिक पास लेते हैं। दर बढ़ेगी तो सभी वाहनों को बढ़ी हुई दर देनी होगी। इस संबंध में मप्र कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्रर सिंह पाधे ने कहा कि परिवहन लागत महंगी होने के कारण यह व्यवसाय खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार वाहन चालकों से धुमा फिराकर एक ही टैक्स तीन-चार बार ले रही है। गुड्स टैक्स,रोड टैक्स, टोल टैक्स ये सब लिया जाता है इस वजह से अकेले जबलपुर के 500 ट्रक मालिकों ने इस धंधे को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को परिवहन लागत को कम करने के लिए करों में छूट देनी चाहिए।टोल किराया हर साल महंगाई सूचकांक के आधार पर तय किया जाता है। मार्च में सूचकांक आने के बाद से एक अप्रैल से देशभर के टोल का किराया बदल दिया जाता है।