ग्वालियर। केंद्र सरकार द्वारा जन्मदिन गरीब जनता पर टैक्स का बोझ डालने के लाभ व्यापारिक संस्थान और खुदरा किराना कारोबार के प्रमुख केंद्र दाल बाजार को बंद रखा गया केंद्र सरकार ने अब नया शिगूफा छोड़ते हुए खुले हुए आटे , दाल, चावल, मखाने सहित अन्य अनाज पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने को लेकर ग्वालियर के व्यापारियों में आक्रोश है।
इसी को लेकर शनिवार को ग्वालियर में व्यापारियों ने दाल बाजार बंद का आव्हान किया था।शनिवार सुबह से हर रोज की तरह गुलजार रहने वाला दाल बाजार में शनिवार को सन्नाटा छाया हुआ था। दाल बाजार एसोसिएशन का कहना है कि केन्द्र सरकार ने जब जीएसटी लागू किया था। तब वादा किया था कि खाद्य उत्पाद गेंहू, आटा, दाल, चावल आदि को कभी टैक्स के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
आपको बात दे, कोरोना काल के बाद से लोग वैसे ही महंगाई और बेरोजगारी से अभी उबर भी नहीं पाए है। गरीब और मध्यम वर्ग के कई ऐसे करोड़ों परिवार है जो अब भी एक-एक दिन के खाने के लिए संघर्ष कर रहे है, ऐसे में लोगों पर टैक्स का नया बोझ डालकर केन्द्र सरकार ने अब उनकी जेब ही नहीं बल्कि पेट पर भी चोट कर दी है। वहीं व्यापारियों ने कहा है कि अगर सरकार अपने फैसले को वापस नही लेती है, तो वह शहर बंद का कॉल करेगें। क्योंकि ये मुद्दा जनहित से जुड़ा है, जिससे सभी वर्गों के लोग परेशान होगें।