इंदौर: पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर डकैती का मामला दर्ज करने के लिए आवेदन देने वाले वनपाल आरएस दुबे का तबदला कर दिया गया है. आरएस दुबे को बड़गोंदा से हटाकर मानपुर में पदस्थ किया गया है. वहीं, बड़गोंदा की जिम्मेदारी अब पवन दुबे को दी गई है. वनपाल पर यह कार्रवाई वन संरक्षक किरण विशेन की तरफ से की गई है|
जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित वन क्षेत्र के एरिया में कुछ लोगों द्वारा अवैध खनन और सड़क मार्ग का अवैध निर्माण किया जा रहा था, मौके से जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली को वन विभाग की टीम ने जब्त कर उस पर प्रकरण दर्ज कर दिया था, बाद में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर अपने 15-20 समर्थकों के साथ पहुंचकर जबरदस्ती जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली उठाकर ले गईं थी. जिसके बाद वनपाल ने आरएस दुबे ने उन पर बड़गोंदा थाने में शिकायत शिकायत दर्ज करवाई थी. बाद में पुलिस ने मामले को मंत्री से जुड़ा देख आला अधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई करने की बात कहकर आरएस दुबे को लौटा दिया था|
तमाम प्रयासों के बाद भी जब मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो नाराज आरएस दुबे ने शिकायत की एक कॉपी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वन विभाग के मंत्री विजय शाह के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ट्वीट कर कार्रवाई करने की मांग की थी|
फिलहाल मामला कैबिनेट मंत्री और संघ से जुड़ी मंत्री उषा ठाकुर को देख भारतीय जनता पार्टी के नेता भी पूरे मामले में जवाब देने से बचते नजर आए. वहीं पुलिस विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई करने के बजाए मामले को गोल-मोल घुमा कर रफूचक्कर करने में लगे हुए हैं|
इस पूरे मामले में मंत्री उषा ठाकुर ने भी अपना पक्षा रखा था. उन्होंने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि उनके विधानसभा क्षेत्र के एक गांव का रास्ता बेहद ही खराब हो गया था. जिसको समतल करने को लेकर कई बार वन विभाग को बोला गया, लेकिन जब वन विभाग ने रोड ठीक नहीं किया तो उनके मंडल अध्यक्ष ने अपने खेत से मिट्टी निकाल कर उसे ठीक किया है. जिसे वन विभाग अवैध खनन करार दे रहा है. उन्हें जब इस बात की जानकारी मिली कि उनके खिलाफ आवेदन दिया गया है तो उन्होंने खुद वन मंत्री विजय शाह से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. मंत्री ने कहा जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा|