इंदौर। यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा अब पीथमपुर पहुंच चुका है, जिसके साथ ही विरोध और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कचरे को जलाने के खिलाफ स्कूली छात्रों, युवाओं, नेताओं और व्यापारियों ने गुरुवार को रैली निकाली, और शुक्रवार (3 जनवरी) को शहर बंद का आह्वान किया गया है। पीथमपुर बचाओ समिति ने दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना भी दिया।
विरोध को शांत करने की जिम्मेदारी सरकार ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी है, जो जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश, वैज्ञानिक रिपोर्ट्स और परीक्षण के परिणामों की जानकारी देंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की और कचरा जलाने के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीथमपुर में कचरे का निस्तारण अदालत के निर्देशों के तहत सावधानी से किया जाएगा और राजनीति से परे रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कचरे में 60% स्थानीय मिट्टी और 40% रासायनिक अपशिष्ट है, और इसका विषैला प्रभाव 25 सालों में समाप्त हो जाता है।
सीएम ने यह भी बताया कि कचरे के निस्तारण के लिए नीरी, एनजीआरआई, आईआईसीटी और सीपीसीबी जैसी संस्थाओं के तहत तीन ट्रायल सफलतापूर्वक किए गए थे (2013-15)।
कचरे की राख को दफनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गुरुवार को 12 कंटेनरों में कचरा रामकी इनवायरो परिसर पहुंचा, जहां पुलिस ने 200 मीटर के क्षेत्र को सील कर दिया और ड्रोन से निगरानी रखी। कचरे को 1200 डिग्री सेल्सियस तापमान में जलाया जाएगा और राख को जमीन में दफन किया जाएगा।
कचरे को जलाने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जो जमीन से 25 फीट ऊंचा है। इस प्रक्रिया के तहत पहले 37 टन कचरा जलाया जाएगा। रामकी एनवायरों में कचरे को प्रति घंटे 90 किलो की दर से जलाने में 153 दिन का समय लगेगा।