Saturday, April 19, 2025

केंद्रीय मंत्री सिंधिया बोले एक सफल आदमी के पीछे एक सशक्त महिला होती है

इंदौर। इंदौर में लोग कहते हैं हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है, मगर मेरे अनुसार हर सफल व्यक्ति के पीछे एक सशक्त महिला होती है। जो हर सुख दुख में, हर संघर्ष में उसका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देती है। ये बातें केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविववार को होटल सयाजी में आयोजित इंदौर सम्मान समारोह में कही। कार्यक्रम में पत्रकार अशोक कुमार की किताब “नेहरू स्टेडियम से लार्ड्स तक” का विमोचन भी हुआ। विमोचन के दौरान सिंधिया भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने मेरे पिताजी के साथ करीब 30 वर्ष बिताए, उनकी किताब का विमोचन करते हुए मैं गर्व महसूस कर रहा हूं।

कार्यक्रम में पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर सुधीर असनानी का सम्मान भी किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं साधारण क्रिकेटर था, इसलिए बड़ा क्रिकेटर नहीं बन सका। मगर क्रिकेट से प्यार था तो अंपायरिंग करने लगा। मैं भारत का सबसे कम उम्र का अंतरराष्ट्रीय अंपायर बना। अब यह रिकार्ड इंदौर के नितिन मेनन के नाम है। सिंधियाजी के प्रयासों से मुझे बीसीसीआइ की अंपायर कमेटी का सदस्य चुना गया, इसके लिए उनका धन्यवाद। एमपीसीए के प्रतिनिधि राजूसिंह चौहान का भी सम्मान हुआ। चौहान ने मंच पर आकर सिंधिया के पैर छुए, लेकिन भाषण नहीं दिया। क्रिकेट की नर्सरी है इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन – सिंधिया ने कहा, इस संस्था से मेरे पिताजी का भी संबंध रहा है। छह साल की उम्र से मैं पिताजी की अंगुली पकड़कर यहां आता था। हम राजगढ़ कोठी में रुकते थे। पिताजी हर मैच के लिए मुझे यहां साथ लाते थे। इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन क्रिकेट की नर्सरी है।

मैं तो गिल्ली-डंडे वाला था… कार्यक्रम को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी लोग खड़े होकर सिंधियाजी का सम्मान करें। सिंधियाजी ने यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में महती भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी संभव हो सकी। इस काम के लिए चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई थी, जिनमें सिंधियाजी शामिल थे। मैं तो गिल्ली-डंडे वाला था, क्रिकेट वालों के कहने पर क्रिकेट में आया। मैंने सभी वरिष्ठ क्रिकेटरों से सब कुछ समझा। आज जिमखाना मैदान बहुत खूबसूरत है। यहां पहले कंकर पत्थर होते थे। हमने शहर में कई मैदान तैयार किए हैं, फिर भी मैदान कम पड़ रहे हैं। आज दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सम्मानित किया है, बहुत जल्द ज्यादा संख्या में खिलाड़ी इंदौर से निकलेंगे। इनमें महिला खिलाड़ी भी शामिल होंगी

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