जुबैर कुरैशी, रायसेन: जिले की गैरतगंज तहसील में स्थित राम रसिया दरबार में नागपंचमी के दिन का दृश्य अनूठा और धार्मिक आस्था से भरपूर होता है। यहां हर साल नागपंचमी के अवसर पर एक विशेष परंपरा का आयोजन होता है, जिसे देखने और अनुभव करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग उमड़ पड़ते हैं। यह आयोजन एक विशेष नाग मंदिर में होता है, जहां नागों की अदालत लगती है। इस अदालत में विशेष रूप से वे लोग शामिल होते हैं, जिन्हें सर्पदंश का अनुभव हुआ है और उन्होंने इस नाग मंदिर की माता के आशीर्वाद से अपनी जान बचाई है।
नाग मंदिर की विशेष परंपरा
राम रसिया दरबार का यह नाग मंदिर नागपंचमी के दिन एक अनोखी परंपरा के कारण चर्चा में रहता है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में नागों की कृपा से सर्पदंश से पीड़ित लोग अपनी जान बचा सकते हैं। सालभर में जिन लोगों को सांप ने काटा है और उन्होंने इस मंदिर की माता के नाम पर अपने हाथ में आटी कलावा बांधा था, वे नागपंचमी के दिन विशेष रूप से मंदिर में आकर इस कलावा को खोलते हैं। यह परंपरा यहां की धार्मिक मान्यताओं का प्रतीक है और इसे बहुत ही श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाया जाता है।
सर्पदंश पीड़ितों का रेंगकर मंदिर तक आना
नागपंचमी के दिन इस मंदिर में आने वाले पीड़ितों में महिला और पुरुष दोनों शामिल होते हैं। इस दिन की सबसे अनोखी और चर्चित विशेषता यह है कि सर्पदंश पीड़ित लोग नाग की तरह रेंगकर मंदिर तक आते हैं। यह प्रक्रिया उनके विश्वास का प्रतीक है कि इस प्रकार चलने से वे नागों की कृपा प्राप्त करते हैं और उनकी सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। यह दृश्य देखने के लिए भीड़ उमड़ती है, और यह परंपरा लोगों में उत्साह और श्रद्धा का संचार करती है।
पुजारी द्वारा कलावा खोलने की परंपरा
मंदिर के पुजारी पंडा अजब सिंह इस अनुष्ठान की प्रमुख भूमिका निभाते हैं। वे पूरे श्रद्धाभाव से उन लोगों के हाथों से आटी कलावा खोलते हैं, जिन्हें वर्ष भर पहले या हाल ही में सांप ने काटा था। यह परंपरा लोगों में इस विश्वास को और भी मजबूत करती है कि नाग मंदिर की माता और नागों की कृपा से उनका जीवन सुरक्षित है। नागपंचमी के इस आयोजन में स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दराज से आए भक्तों की बड़ी संख्या शामिल होती है, जो अपने अनुभवों और आस्था को साझा करते हैं।
धार्मिक आस्था और सामाजिक चेतना का संगम
राम रसिया दरबार का यह आयोजन धार्मिक आस्था और सामाजिक चेतना का अद्भुत संगम है। यहां आने वाले लोग अपने विश्वास के साथ-साथ एकता और सहयोग का संदेश भी फैलाते हैं। नागपंचमी के इस विशेष आयोजन ने न केवल रायसेन जिले बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी एक खास पहचान बनाई है। यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल है, जो भारतीय समाज की विविधता और उसकी धार्मिक आस्था की गहराई को प्रदर्शित करती है।