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Friday, September 20, 2024

सिंह राशि में वक्री हुआ शुक्र ग्रह, ये राशियां रहे सावधान 

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राशि। ज्योतिष शास्त्र में फलकथन का विचार करते समय ग्रहों के गोचर को काफी महत्व दिया जाता है। खास तौर पर वक्री ग्रह की अहम भूमिका मानी जाती है। कुंडली में प्रेम और ऐश्वर्य के कारक ग्रह, शुक्र 23 जुलाई की सुबह 6 बजकर 01 मिनट पर सिंह राशि में वक्री हो गए। अगले महीने 7 अगस्त को ये पुनः कर्क राशि में गोचर करेंगे और यहां 2 अक्टूबर तक रहेंगे। इस अवधि के दौरान यह 4 सितंबर को मार्गी हो जाएंगे। इस तरह शुक्रदेव 43 दिनों तक वक्री स्थिति में रहेंगे। शुक्र जब वक्री स्थिति में आते हैं, तो जातक को मिले-जुले परिणाम देते हैं। इसकी वजह से भौतिक सुखों में कमी आ सकती है, प्रेम संबंधों में तनाव आ सकता है या रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है।

 

कोई भी ग्रह विशेष जब अपनी सामान्य दिशा की बजाए उल्टी दिशा यानि विपरीत दिशा में चलना शुरू कर देता है तो ऐसे ग्रह की इस गति को वक्री कहा जाता है। दरअसल, ग्रहों का पथ अंडाकार होने से पृथ्वी की गति से जब अन्य ग्रहों की गति कम होती है, तब वे विपरीत दिशा में चलते हुए प्रतीत होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वक्री चाल चलते समय ग्रह अपने नियत स्वभाव के अनुसार फल देने की बजाय उससे अलग फल भी देते हैं। जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो पृथ्वी के करीब होने की वजह से इसका सीधा प्रभाव राशियों पर पड़ता है।

 

 

वक्री होने पर शुक्र के शुभ या अशुभ फल देने के स्वभाव में कोई अंतर नहीं आता। यानी अगर आपकी कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में हों या शुभ भावों के स्वामी हों, वक्री स्थिति में भी शुभ फल ही प्रदान करेंगे। वहीं अशुभ स्थिति में होने पर, वक्री स्थिति में इनके अशुभ परिणामों में वृद्धि हो सकती है। वक्री शुक्र आम तौर पर कुंडली धारक को अधिक संवेदनशील बना देते हैं। ऐसे लोग अपने प्रेम संबंधों तथा अपने जीवन साथी को लेकर बहुत भावुक, तथा अधिकार जताने वाले होते हैं। महिलाओं की जन्म कुंडली में वक्री शुक्र उन्हें आक्रामकता प्रदान करता है। आइये जानते हैं किन राशियों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है।

 

 

वृषभ राशि

इस राशि में शुक्र चौथे भाव में वक्री होने वाले हैं। सुख भाव में शुक्र के वक्री होने से घर से दूर जाना पड़ सकता है या परिवार के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं। इनकी सातवीं दृष्टि, दसवें भाव पर होगी। इस वजह से काम का दबाव बढ़ सकता है और सुकून खत्म हो सकता है। नौकरी में बाधा और कारोबार में खर्च बढ़ने की संभावना बन रही है। पारिवारिक वजहों से धन के व्यय के योग बन रहे हैं।

 

 

कर्क राशि

इस राशि में शुक्र दूसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। अग्नि तत्व की की राशि सिंह में जल तत्व के वक्री शुक्र का गोचर अच्छा फल नहीं देता। अनावश्यक खर्चों की वजह से आपके बैंक बैलेंस में कमी हो सकती है। आय के स्रोतों में भी कमी आएगी। परिवार के साथ तनाव बढ़ सकता है और खानपान में गड़बड़ी के कारण आपकी सेहत बिगड़ सकती है। कार्यक्षेत्र में भी काम ज्यादा करना पड़ेगा और सुकून नहीं मिलेगा।

 

कन्या राशि

आपकी राशि के बारहवें भाव में शुक्र का वक्री होना शुभ नहीं माना जा सकता। इस दौरान सेहत का ख्याल रखें, परिवार के किसी सदस्य को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इस वजह से आपकी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ेगा। भोग-विलास की चीजों पर खर्च से बचें, इसमें नुकसान हो सकता है। आयात-निर्यात से जुड़े लोगों को भी कारोबार में नुकसान की आशंका है। अपनी सेहत का ख्याल रखें और बेवजह किसी से साथ विवाद में ना पड़ें।

 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके आठवें भाव में हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपके रोजगार और संतान भाव से जुड़े विपरीत परिणाम मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में मन नहीं लगने से गलतियां होंगी और इसकी वजह से नौकरी में तनाव पैदा होगा। सावधानी और संयम नहीं बरतने पर नौकरी जाने की भी आशंका बन सकती है। संतान से विवाद पैदा हो सकता है, क्योंकि आबकी गूढ़ बातें उनकी समझ में नहीं आएंगी। रिश्तों में सरलता बनाये रखें और बिना जरुरत किसी को सलाह ना दें। अधिक तनाव से बचने के लिए ध्यान करें।

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