G-LDSFEPM48Y

मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल की दबंगई का वीडियो वायरल, पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी

जबलपुर: मध्यप्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल पटेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे जबलपुर के लेबर चौक पर पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में प्रबल पटेल और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी बहस और झगड़ा देखा जा सकता है, जबकि उनके साथ मौजूद एक अन्य युवक मामले को संभालने की कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है।

वीडियो की पुष्टि नहीं, घटना की समयावधि अज्ञात

यह घटना कब की है, इसका अभी तक पता नहीं चल सका है, और वीडियो की प्रामाणिकता की भी पुष्टि नहीं की जा सकी है। हालांकि, वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इससे लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। लेकिन इससे एक बार फिर से प्रदेश में राजनीतिक हस्तियों और उनके परिजनों द्वारा कानून के प्रति अपनाए जाने वाले रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

इस घटना ने हाल ही में हुए एक अन्य विवाद की याद दिला दी है, जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भतीजे आदित्य सिंह का पुलिस के साथ बीच सड़क पर अभद्रता करने का मामला सामने आया था। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब प्रबल पटेल का यह नया विवाद सामने आ गया है, जिससे पुलिस और प्रशासन के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

विपक्ष ने उठाए सवाल, कानून व्यवस्था पर कसा तंज

विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था कमजोर हो रही है और भाजपा नेताओं के परिजन कानून को हाथ में लेने से नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मंत्री प्रहलाद पटेल से बेटे की हरकत के लिए माफी की मांग की है।

प्रशासन और पुलिस की चुप्पी पर सवाल

इस मामले को लेकर जबलपुर पुलिस प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, घटना के बाद संबंधित क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाई गई है और मामले की जांच जारी है। लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस घटना के पीछे असल कारण क्या था और किसने पहल की थी।

आखिर क्यों बढ़ रहे हैं नेताओं के परिजनों के विवाद?

यह घटना इस बात को उजागर करती है कि राजनीतिक हस्तियों के परिवार के सदस्य कई बार अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते नजर आते हैं। यह कानून व्यवस्था के प्रति जनता के विश्वास को कम कर सकता है, जो किसी भी सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है। ऐसी घटनाएं प्रशासन और पुलिस बल के मनोबल को भी प्रभावित कर सकती हैं, जो प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!