देश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 68 वीं बार मन की बात की। आज की मन की बात त्योहार, खिलौने और कोरोना पर फोकस रही। तीनों ही मुद्दों को मोदी ने विस्तार से छुआ और कहा कि आज हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं। देश में हो रहे आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। मोदी ने कहा कि हम बहुत बारीकी से देखेंगे तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी कि हमारे पर्व और पर्यावरण के बीच एक बहुत गहरा नाता है। मोदी ने कहा कोरोना काल में त्योहार भी आ रहे हैं। लोगों में उमंग और उत्साह तो हे ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है।
मोदी ने कहा, हमारे देश में इतने आइडियाज हैं, इतने कॉन्सेप्ट्स हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है। या हम उन पर गेम्स बना सकते हैं? खिलौने वो हों जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाएं भी। हम ऐसे खिलौने बनाएं जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों। अब सभी के लिए लोकल खिलौने के लिए वोकल होने का समय है। बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौने का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है। खिलौने एक्टीविटी बढ़ाने वाले होते हैं तो हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने हमारा सिर्फ मन नहीं बहलाते, खिलौने मन भी बनाते हैं और मकसद भी गढ़ते हैं।