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वक्फ संसोधन बिल लोकसभा में पेश, अब वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा

दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ संसोधन बिल पेश किया। उनके बिल पेश करते ही संसद में हंगामा होने लगा। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा- सरकार कम्युनिटीज के बीच में विवाद पैदा करना चाहती है। सरकार का इंटेशन इस बिल को लेकर ठीक नहीं है। आप देश के लोगों को बांटना चाहते हैं।

सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह ने कहा- चार धाम में सिर्फ हिंदू, गुरुद्वारा कमेटी में सिर्फ सिख होगा। यह नियम बना है, इस पर किसी ने सवाल नहीं उठाया। मुस्लिमों के बारे में ऐसा क्यों नहीं। वक्फ संशोधन बिल मुस्लिमों के हकों के खिलाफ है। यह बिल मजहब में दखलअंदाजी है। अगर ऐसा होगा तो कोई भी अल्पसंख्यक देश में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा।

वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी।

बोर्ड के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

अभी सरकार और सेना के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा संपत्ति

भारत में सरकार और भारतीय सेना के बाद जमीन का तीसरा सबसे बड़ा मालिक वक्फ बोर्ड है, वक्फ बोर्ड के पास देश में कुल 7 लाख 85 हजार 934 संपत्तियां हैं. वहीं सबसे ज्यादा संपत्ति की बात करें तो वो यूपी में है. उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्ड के पास कुल 2 लाख 14 हजार 707 संपत्तियां हैं. इन संपत्तियों में से 1 लाख 99 हजार 701 सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास हैं और 15006 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर बंगाल है.

वक्फ बोर्ड के बारे में

वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ संपत्तियों की देखभाल, प्रबंधन और प्रशासन के लिए किया जाता है। भारत में, वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ अधिनियम, 1954 के तहत हुआ था, जिसे बाद में 1995 में संशोधित किया गया। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक राज्य वक्फ बोर्ड होता है, जो उस राज्य या क्षेत्र के वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है।

वक्फ बोर्ड का प्रमुख उद्देश्य है:

  1. वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन: वक्फ संपत्तियों का सही और उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  2. धार्मिक और चैरिटेबल कार्य: वक्फ संपत्तियों से प्राप्त आय को धार्मिक, शैक्षिक, और चैरिटेबल कार्यों में उपयोग करना।
  3. संपत्ति की सुरक्षा: वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उन्हें अवैध कब्जों से बचाना।
  4. विकास और पुनर्निर्माण: वक्फ संपत्तियों का विकास और उनका पुनर्निर्माण करना, ताकि उनका अधिकतम उपयोग हो सके।

वक्फ संपत्तियों के प्रकार

वक्फ संपत्तियों में कई प्रकार की संपत्तियाँ शामिल हो सकती हैं, जैसे:

  1. मस्जिदें: धार्मिक कार्यों के लिए बनाई गई मस्जिदें।
  2. कब्रिस्तान: मुस्लिम समुदाय के लिए कब्रिस्तान।
  3. मदरसें: धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाले मदरसें।
  4. दुकानें और व्यावसायिक संपत्तियाँ: जिनका किराया वक्फ उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
  5. जमीन और भवन: जिन्हें धार्मिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए दान किया गया हो।
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