भोपाल। मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश से होकर गुजरने एवं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के बनने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को 20 जिलों सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, पन्ना, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानुपर, रतलाम, देवास, उज्जैन, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर में भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और मानसून द्रोणिका के मप्र से होकर गुजरने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इससे रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला लगातार बना रह सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका राजस्थान, उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश के सीधी से होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के ऊत्तरी भाग में एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
विभिन्न अंचलों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्वालियर-चंबल अंचल के भिंड की निचली बस्तियों के घरों में पानी भर गया। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ में शहर सहित ग्रामीण अंचलों में भारी वर्षा हुई। बान सुजारा बांध के चार गेट खोलकर पानी धसान नदी में छोड़ा गया, यहां पर निचले क्षेत्रों में स्थित गांवों में अलर्ट भी जारी किया गया। विदिशा जिले के ग्यारसपुर क्षेत्र में जोरदार वर्षा से निर्माणाधीन तालाब का पानी खेतों में घुसने से छह किसानों की फसल बह गई। रायसेन के बेगमगंज क्षेत्र में बीना और सेमरी नदी और बेरखेड़ी घाट के रपटा कम डैम के पुल पर पानी होने से कई गांवों का संपर्क टूटा रहा। अच्छी वर्षा से शिप्रा, चंबल आदि नदियां उफान पर आ चुकी हैं।