भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून पूर्व की छिटपुट बारिश होने का सिलसिला बना हुआ है। अरब सागर से आगे बढ़ा मानसून बुधवार को लगभग प्रदेश की महाराष्ट्र से लगी सीमा (नंदूरबार) तक आ चुका है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में वर्तमान में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से मानसून के प्रदेश में प्रवेश करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। वर्तमान में पूर्वी मप्र में वातावरण में नमी बढ़ने के कारण गुरुवार-शुक्रवार को सागर, रीवा, जबलपुर, शहड़ोल संभागों के जिलों में तेज बौछारें पड़ने की संभावना है।
उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खंडवा में 20, मंडला में 20, सतना में 14, सीधी में 12, छिंदवाड़ा में 10, सिवनी में आठ, उमरिया में तीन, रीवा में एक मिलीमीटर बारिश हुई। जबलपुर एवं खजुराहो में बूंदाबांदी हुई। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 42.7 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर में दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. ममता यादव ने बताया कि बुधवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा दियू, नंदूरबार, जलगांव, परभनी, मेदक, रेंताचिंतला, मछलीपट्टनम और बंगाल की खाड़ी से होते हुए बुलरघाट तथा सुपौल से गुजर रही है। नंदूरबार मप्र के सेंधवा से काफी करीब है। मध्य प्रदेश में मानसून आने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक हवा का रुख लगातार दक्षिण-पश्चिमी बना रहता है। तापमान में गिरावट हो जाती है। वातावरण में चार किलोमीटर पर आर्द्रता बढ़ जाती है। जमीन का तापमान भी कम हो जाता है। इन मापदंड़ों के आधार पर मानसून के आगमन की घोषणा की जाती है।
ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास मौजूद है। पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन उत्तरप्रदेश से बिहार होते हुए असम तक बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान एवं उत्तरी अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी बिहार से पूर्वी मध्य प्रदेश होते हुए आंध्र प्रदेश तक गुजर रही है।
इन छह मौसम प्रणालियों के कारण हवाओं के साथ नमी आ रही है। इस वजह से पूर्वी मध्य प्रदेश में रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में दो-तीन दिन तक अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान भोपाल, रायसेन, विदिशा जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। शुक्ला के मुताबिक मानसून के मध्य प्रदेश में प्रवेश करने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।