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Tuesday, November 12, 2024

योगी आदित्यनाथ को लेकर यह क्या बोले केंद्रीय मंत्री बघेल

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गुना। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि भले ही देशभर में “बुलडोजर वाले सीएम” की बन गई हो, लेकिन मोदी सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल की राय कुछ अलग है। आगरा से सांसद और केंद्र सरकार में पशुपालन व डेयरी राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का मानना है कि योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर वाला मुख्यमंत्री नहीं कहना चाहिए, बल्कि उन्हें लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहिए।

दरअसल, एसपी सिंह बघेल सोमवार को गुना जिले के दौरे पर थे। उन्होंने शहर की पुरानी गल्ला मंडी में अमृत तुलसी मसाले पार्क का लोकार्पण किया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बेबाकी से अपनी राय व्यक्त की। अपने गृहराज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर बघेल ने कहा कि योगी या भाजपा अपने पास दो तरह के बुलडोजर रखते हैं। एक, सड़क निर्माण और विकास कार्यों के लिए और दूसरा, अपराधियों को सबक सिखाने के लिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर को लेकर गाइडलाइन जारी करने के सवाल पर बघेल ने कहा कि कई बार राज्यों की सरकारें अपने स्तर पर कानून बनाती हैं और उसी के आधार पर काम करती हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबसे ऊपर होता है। फिर भी, कई कार्रवाइयां राज्यों के अपने एक्ट के आधार पर होती हैं, जैसा कि पहले चौधरी चरण सिंह द्वारा बनाए गए गुंडा एक्ट जैसे कानूनों में देखा गया है।

गैर-भाजपा शासित राज्यों द्वारा केंद्र सरकार पर राशि आवंटन या विकास कार्यों में सहयोग न करने के आरोपों को एसपी सिंह बघेल ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने अपने मंत्रालय के कामकाज का उदाहरण देते हुए बताया कि उनका मंत्रालय राज्यों की जनसंख्या के आधार पर राशि या बजट आवंटित करता है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, या अन्य दल शासित राज्य का भेदभाव नहीं होता। एक निश्चित प्रक्रिया के तहत आवंटन किया जाता है, इसलिए भेदभाव की बातें निराधार हैं।

केंद्रीय राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने हाल ही में चुनावी राज्य महाराष्ट्र का दौरा किया। वहां की चुनावी स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में इस बार भी भाजपा नेतृत्व वाली महायुति की सरकार बनेगी। बघेल को भरोसा है कि जैसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और उड़ीसा जैसे राज्यों में चुनावी विश्लेषकों के अनुमान गलत साबित हुए हैं, वैसे ही महाराष्ट्र में भी महायुति को चुनौती मिलने की बातें चुनाव नतीजों के बाद निराधार साबित होंगी।

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