भोपाल। लंबे इंतजार के बाद मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। मोहन कैबिनेट में शामिल हुए नेताओं के नाम चौंकाने वाले हैं। पहली ही बार विधायक बने नेताओं को जहां मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, वहीं कुछ दिग्गजों का पत्ता काट दिया गया है। इनमें मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव का नाम भी शामिल है। मोहन कैबिनेट के गठन के बाद गोपाल भार्गव ने खुद बताया कि उनके आगे की क्या रणनीति है? सियासी गलियारों में उनके इस फेसबुक पोस्ट की चर्चाएं हो रही हैं। गोपाल भार्गव विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम पद की रेस में भी शामिल माने जा रहे थे, उन्होंने 72 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मोहन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा।
गोपाल भार्गव ने फेसबुक पर नव नियुक्त मंत्रीगणों को बधाई देते हुए लिखा प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्री मंडल में नहीं लिया गया ? मैंने उनसे कहा 40 वर्षों के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी है उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं, इसलिए आज मंत्री परिषद् के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जन विश्वास स्थायी है, इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है वह मेरी पूंजी और धरोहर है।
मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया, जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद है, मुझे 70% वोट देकर 73000 वोटों से जिताया यह ऋण मेरे ऊपर है मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूंगा कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा। राजनैतिक दलों के अपने अपने फॉर्मूले हैं। सामाजिक, क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं, उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रूचि नहीं है, इसलिए मैं मौन हूं. खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा