भोपाल।चूनाभट्टी स्थित एक अस्पताल में भर्ती पत्नी-बच्चों और रिश्तेदारों से मिलने जाने की बात पर हुए विवाद के बाद सुरक्षाकर्मियों ने मिलकर पत्रकार गोविंद गुर्जर से मारपीट कर दी। मारपीट में गोविंद गुर्जर को चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार शाम हुई घटना के बाद पत्रकार गुर्जर ने लहूलुहान हालत में वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कार्रवाई की मांग की। इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी होने के बाद तत्काल मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। घटना की जानकारी लगने के बाद प्रदेश जनसंपर्क डायरेक्टर एपी सिंह भी अस्पताल पहुंच गए थे। इस मामले में हंगामा होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन देर रात तक गुर्जर ने एफआइआर दर्ज नहीं कराई थी।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को गोविंद गुर्जर का परिवार कार हादसे का शिकार हो गया था। इसमें उनकी पत्नी और बच्चे शामिल थे। हादसे में घायलों को मुख्यमंत्री कार्यालय की मदद से बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर में गोविंद गुर्जर अपनी पत्नी और बच्चों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। सुरक्षाकर्मी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। गुर्जर का कहना था कि उनके परिवार को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है, इसलिए उनको डाक्टर से बात करनी है, लेकिन सुरक्षकर्मियों ने साफ मना कर दिया। इसके बाद पत्रकार और सुरक्षा गार्ड में झूमाझटकी हो गई।
विवाद के बाद अस्पताल के सुरक्षा गार्ड और कर्मचारी जमा हो गए और गुर्जर को घेरकर जमकर मारपीट की। उनके साथ मारपीट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गोविंद गुर्जर के कपड़े फट गए और मुंह और सिर से बुरी तरह से खून निकलने लगा। इसके बाद भी अस्पताल के कर्मचारियों ने उनको नहीं छोड़ा और धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। अस्पताल से बाहर आने पर पत्रकार गोविंद गुर्जर ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया।
घटना की जानकारी लगने के बाद प्रिंट व टीवी पत्रकार काफी संख्या में बंसल अस्पताल पहुंच गए। जहां सैंकड़ों की संख्या में पत्रकारों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और पत्रकारों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया और चक्काजाम खुलवाया। इस घटना को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ पत्रकार गोविंद गुर्जर के साथ जो घटना हुई है , उसे गंभीरता से लिया गया है। मुखयमंत्री और गृहमंत्री ने घटना के बारे में जानकारी जुटाने और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आरोपित बख्शे नहीं जाएंगे।
इनका कहना है
गोविंद गुर्जर थाने आए थे, लेकिन बाद में उन्होंने एफआइआर दर्ज कराने से इन्कार कर दिया।
नितिन शर्मा, थाना प्रभारी चूनाभट्टी
गोविंद गुर्जर अस्पताल में अंदर जा रहे थे, सुरक्षाकर्मियों ने रोका था। इस पर विवाद हुआ तो वे उग्र हो गए, सुरक्षाकर्मियों से मारपीट शुरू कर दी और अपना कैमरामेन बुलाकर चिल्लाने लगे कि सुरक्षाकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की है।