नई दिल्ली।दुनिया के कई देशों में कोरोना का कहर एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। खास तौर पर यूरोप की स्थिति गंभीर होती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो इन सर्दियों के महीनों में और 7 लाख लोगों की मौत हो सकती है। WHO का मानना है कि अभी से लेकर 1 मार्च 2022 के बीच 53 में से 49 देशों में मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से आईसीयू का लोड बढ़ सकता है। इसी के साथ मार्च 2022 के अंत तक मरने वालों का कुल आंकड़ा भी 20 लाख के पार पहुंच सकता है। डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने एक मीडिया हाउस को दिये बयान में कहा, “यूरोप और मध्य एशिया में कोविड-19 की स्थिति बहुत गंभीर है। हम आगे एक चुनौतीपूर्ण सर्दी का सामना कर रहे हैं।” इससे बचने के लिए उन्होंने वैक्सीन प्लस अप्रोच अपनाने की अपील की है।
यूरोप में कोरोना के मामलों में हाल के दिनों में खासी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके पीछे डेल्टा वेरिएंट का फैलाव, टीकाकरण में कमी और मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों में लापरवाही बरतने को माना जा रहा है। जबकि WHO की मानें तो अभी भी यूरोप और मध्य एशिया में होने वाली मौतों की अहम और बड़ी वजह कोरोना है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह कोविड से संबंधित मौतें बढ़कर लगभग 4,200 प्रति दिन हो गईं हैं,. जबकि सितंबर के आखिर में ये आंकड़ा 2,100 था।
अगर भारत की बात करें, तो कोरोना के नये मामलों में लगातार गिरावट आ रही है और पिछले 24 घंटों में 7,579 नए मामले दर्ज किए गए हैं जो 543 दिनों में सबसे कम हैं। इसी के साथ कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,26,480 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के कारण 236 लोगों की मौत हुई है।