सर्दियों में क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल, जानें बचाव के आसान टिप्स

इंदौर। कोलेस्ट्रॉल लेवल का ख्याल रखना स्वस्थ जीवन का एक बेहद अहम पहलू है। सर्दी हो या गर्मी, कोलेस्ट्रॉल लेवल का कम होना ही सेहत के लिए फायदेमंद है। मगर, खासतौर पर सर्दियों के दिनों में कोलेस्ट्रॉल लेवल किन्हीं कारणों से अधिक बढ़ जाता है।

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो विशेष लाइफस्टाइल से जुड़े हुए हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल लेवल।

सिकुड़ जाती हैं नसें
सर्दियों में ब्लड वेसल संकुचित हो जाती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट पर दबाव बढ़ता है। ऐसी स्थिति में अगर हाई कोलेस्ट्रॉल वाला खाना खाया जाए, तो ये हार्ट पर और भी दबाव बढ़ाएगा।

ऐसी स्थिति बनने की वजह से सर्दियों में हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सर्दियों में विशेष रूप से खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए और कोलेस्ट्रॉल फ्री खाने को प्रिफरेंस देना चाहिए।

ज्यादा घी-तेल से करें परहेज
सर्दियों में लोग अंदरूनी गर्मी के लिए तेल, घी, मसाला, ड्राई फ्रूट्स आदि का अधिक सेवन करने लगते हैं। इससे पाचन तंत्र में तो गर्मी जरूर होती है, लेकिन हार्ट पर इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अधिक

घी तेल और फैटी फूड्स का सेवन हार्ट की संकुचित ब्लड वेसल पर जमने लगेगा। वह नसों को और भी संकुचित करेगा, जिससे हार्ट संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

शारीरिक गतिविधियां होती हैं कम
सर्दियों में लोग कंबल में घुस कर पड़े रहते हैं। आलसपन हावी रहता है और निश्चित रूप से शारीरिक गतिविधि भी काफी कम होती है। यही कारण है कि कैलोरी बर्न और फैट बर्न काफी कम हो पाता है।

शरीर में मौजूद फैट ब्लड वेसल पर जमने लगता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। इससे हार्ट अटैक की आशंका भी बढ़ती है।

शरीर भी बनाता है ज्यादा कोलेस्ट्रॉल
सर्दियों में शरीर की गर्माहट बनाए रखने के लिए प्राकृतिक रूप से शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल बनने लगता है। इसकी वजह से सेल की दीवारें ठोस हो जाती हैं और इससे ठंड से बचाव हो पाता है। ये एक नेचुरल प्रॉसेस है।

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