भोपाल। भोपाल के छोला इलाके में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक दीपक मरावी के ड्राइवर की दूसरी पत्नी ने बेटे के साथ मिलकर हत्या कर दी। ड्राइवर के गले में गुप्ती मारकर, सिर को पत्थर से कुचलकर हत्या की गई है। हत्या की वजह प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है। बताया गया कि ड्राइवर का बेटा, पत्नी मकान अपने नाम कराने के लिए उस पर दबाव बना रहे थे। जब उसने मना कर दिया तो मां-बेटे ने हत्या की साजिश रची। साजिश के तहत सोमवार रात ड्राइवर को पत्नी घुमाने के बहाने घर से ले गई। मालीखेड़ी पुलिया के पास बेटे को बुलाकर हत्या कर दी। लाश को पुलिया के पास ही फेंककर दोनों चुपचाप घर आ गए। पुलिस ने मां-बेटे को गिरफ्तार कर लिया है।
लाल कोटी भानपुर के पास रहने वाले अमर सिंह विश्वकर्मा (55) हमीदिया अस्पताल में सरकारी ड्राइवर थे। इन दिनों वह हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी की कार चला रहे थे। सोमवार को ड्यूटी खत्म होने के बाद वह सोमवार रात 8 बजे घर पहुंचे। थोड़ी देर बाद उनकी दूसरी पत्नी शांति कुशवाहा ने कहा कि मंदिर में भंडारा खाने चलते हैं। अमर पत्नी को बाइक परबैठाकर घर से निकले। मालेखेड़ी के पास शांति ने बाइक रुकवाई। उसने अपने बड़े बेटे शिवराज (24) को बुलाया। शिवराज मौके पर आया और उसने गुप्ती से ताबड़तोड़ पिता पर हमला कर दिया। अमर ने बचने के लिए विरोध किया, इस पर पत्नी ने उनके शरीर पर पत्थर से हमला कर दिया। हत्या के बाद दोनों उनका शव पुलिया के पास फेंककर घर आ गए।
हत्या के बाद शांति अपने बेटे के साथ घर पहुंची। वह पड़ोस में रहने वाले अमर सिंह के दामादों को फोन लगाया। उसने बताया कि पति नहीं आए। वह रात में घर में बैठकर रोने का नाटक करती रही। परिजन,पड़ोसी उनकी तलाश में जुटे थे। इसी बीच पुलिस से अमर सिंह के मर्डर की सूचना मिली। तुरंत ही परिवार मालीखेड़ी पुलिया पहुंचा। परिवार ने शव की पहचान अमर सिंह के रूप में की।अमर सिंह की पहली पत्नी सुआ देवी का सालभर पहले निधन हो गया था। पहली पत्नी से उनकी दो बेटियां भावना और शशि हैं। पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने नवजीवन कॉलोनी में रहने वाली शांति कुशवाहा से शादी की थी। शांति के पहले पति से दो बेटे शिवराज (24), राहुल (20) और एक बेटी है। अमर सिंह के दामाद मोहन विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने पहली पत्नी की दोनों बेटियों की शादी कर दी थी। दूसरी पत्नी और उसके तीनों बच्चे उनके साथ ही रहते थे।
जिस मकान में अमर सिंह रह रहे थे, वो उनकी पहली पत्नी के नाम है। इसी मकान को अपने नाम करने के लिए दूसरी पत्नी और उसका बड़ा बेटा दबाव बना रहा था। इसी को लेकर आए दिन विवाद होता था। जब दूसरी पत्नी को लगा कि अमर सिंह सिर्फ उसका शोषण कर रहा है तो उसने बेटे के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची। अमर सिंह के दामाद मोहन ने बताया कि रात में हम लोग ससुर की तलाश कर रहे थे। हमारे साथ शिवराज भी पिता को तलाशने में जुटा था। वह बार-बार अपने हाथ के शर्ट की बाह को खींच रहा था। इस पर मुझे शक हुआ। थोड़ी देर बाद देखा कि उसके हाथ में खून लगा है। संदेह होने पर पुलिस को बताया। पुलिस की जांच में सामने आया कि शांति देवी के अलावा एक और महिला से अमर सिंह की दोस्ती थी। पुलिस रात में उस महिला को भी थाने लेकर आई। पूछताछ में उसने अमर सिंह से दोस्ती की बात कबूली। बाद में उसे छोड़ दिया गया।