जबलपुर। जबलपुर के एक मोटर मैकेनिक पर बीवी के तानों का ऐसा असर हुआ कि उसने स्कूटर का हुलिया बदलकर उसे ‘सुपर स्कूटर’ बना डाला। बीते 50 साल से टू-व्हीलर मैकेनिक का काम कर रहे अकरम के पास 23 साल पुराना स्कूटर था। जिस पर बैठना उनकी पत्नी को अच्छा नहीं लगता था। वो उसे खटारा कहते हुए वो अक्सर अकरम को मारती थीं। जिसके बाद अकरम ने अपनी इसी ‘खटारा’ स्कूटर को ऐसा मॉडिफाई किया कि अब जब वो सड़क पर निकलती है, तो लोगों की नजरें नहीं हटतीं।
जानकारी के अनुस 65 साल के अकरम ने बताया- एक जमाने में बजाज सुपर स्कूटर का बड़ा क्रेज था। माइलेज भी अच्छा था। हमें भी दहेज में यही स्कूटर मिला था। हम बीवी के साथ शान से इस पर सफर करते थे। पर, समय बदला। एक से एक नए टू-व्हीलर्स आ गए। ऐसे में कुछ साल पहले तक पत्नी जिस स्कूटर पर शान से बैठती थी, अब उससे ही चिढ़ने लगी थी। अक्सर बोलती कि इस खटारा स्कूटर से पता नहीं कब मुक्ति मिलेगी। उसकी यह बात मुझे चुभती थी, लेकिन कुछ समझ नहीं आता था कि क्या करूं। कार तो खरीद नहीं सकते थे। फिर सोचा मैकेनिक हूं, तो सोचा कि क्यों न अपनी स्कूटर को ही मॉडिफाई कर दूं।
आगे अकरम ने कहा, बस यहीं से शुरू हो गई स्कूटर को नया लुक देने की मेरी कोशिश। स्कूटर को मॉडिफाई करने में मेरे 70 हजार रुपए खर्च हुए। इसमें एलईडी टीवी लगा दी है। पीछे वेब कैमरा लगाया है। इसे भी टीवी से कनेक्ट कर दिया है। मेरे स्कूटर में 70 और 80 के दशक के गाने बजते हैं। सीट को खूबसूरत और आरामदायक बना दिया है। स्कूटर को लाइट से ऐसा सजाया है कि जब ये चलता है, तो लोग देखने को मजबूर हो जाते हैं। इसके लिए अलग से एक बैटरी लगाई है। चमचमाती लाइट वाली इस स्कूटर को देखकर अक्सर लोग इसकी सवारी करने की मांग करते हैं।
सतपुड़ा हॉस्पिटल के पास गैराज चलाने वाले अकरम के पास अब दूसरे लोग भी अपना स्कूटर इसी तरह मॉडिफाइड कराने के लिए संपर्क कर रहे हैं। अकरम के मुताबिक लोग गैराज में आकर इस स्कूटर की खूबियां देखने और कुछ दूर तक ट्रायल लेने की डिमांड कर रहे हैं। ऐसे में वे भी किसी को निराश नहीं करते। अकरम के दोस्त कुमार सेन कहते हैं कि ये किसी कार से कम नहीं। कार की तरह छत तो नहीं है, पर ऐसी सुविधाएं कई कारों में भी नहीं मिलेंगी।