दिल्ली: पाकिस्तान में अक्टूबर 2024 में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए पाकिस्तान ने सभी सदस्य देशों को निमंत्रण भेजा है, जिसमें भारत भी शामिल है। हालांकि, भारत की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान जाने को लेकर अटकलें न लगाई जाएं, और इस विषय पर जल्द ही आधिकारिक जानकारी दी जाएगी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ज़हरा बलूच ने बताया कि SCO समिट के लिए सभी सदस्य देशों को निमंत्रण भेजा गया है, और कुछ देशों ने पहले ही पाकिस्तान आने की पुष्टि कर दी है। बाकी देशों की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। SCO के सदस्य देशों में रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, और ईरान शामिल हैं।
9 साल पहले पाकिस्तान गए थे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर 2015 को एक असाधारण और ऐतिहासिक यात्रा के दौरान पाकिस्तान का दौरा किया था। यह यात्रा पूरी तरह से अप्रत्याशित थी और एक “सरप्राइज़ डिप्लोमैटिक मूव” के रूप में जानी जाती है।
यह यात्रा उस समय हुई जब प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान के दौरे से वापस लौट रहे थे और उन्होंने अचानक लाहौर में रुकने का फैसला किया। वहां उन्होंने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य नवाज शरीफ के परिवार के एक व्यक्तिगत कार्यक्रम (उनकी पोती की शादी) में शामिल होना था, लेकिन इस अवसर का उपयोग दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए भी किया।
यह यात्रा महत्वपूर्ण इसलिए भी थी क्योंकि यह 11 सालों में पहली बार थी जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर गया था। इससे पहले, 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान का दौरा किया था।
हालांकि, मोदी की इस यात्रा के बाद भी भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार नहीं हो पाया, और दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे, आतंकवाद और अन्य विवादों के चलते तनाव बढ़ता ही गया।