टीकमगढ़: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में रिश्वतखोरी का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने जमीन पर हो रहे कब्जे को रोकने के लिए एसडीएम कार्यालय से स्टे की मांग की थी, लेकिन एक कर्मचारी ने 50,000 रुपये रिश्वत की डिमांड कर दी। आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला के पास पैसे नहीं थे, तो उसने अजीबो-गरीब कदम उठाते हुए रिश्वत के बदले अपनी गाय ही कार्यालय में दे दी, जिससे दफ्तर में हड़कंप मच गया और रिश्वत मांगने वाला कर्मचारी भाग खड़ा हुआ।
क्या है पूरा मामला?
टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ तहसील के कैलपुरा गांव की एक महिला ने बताया कि उसकी जमीन पर गांव के एक दबंग ने कब्जा कर लिया था। जब वह पुलिस में शिकायत करने गई, तो पुलिस ने कहा कि बिना स्टे ऑर्डर के वे कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। मजबूर होकर महिला एसडीएम कार्यालय पहुंची, लेकिन वहां कोई उसकी सुनवाई नहीं कर रहा था। आठवें दिन उसे एक कर्मचारी मिला, जिसने स्टे देने के बदले 50,000 रुपये रिश्वत की मांग कर दी।
रिश्वत के बदले गाय लेकर पहुंची महिला
रिश्वत देने के लिए पैसे न होने पर महिला ने अगले दिन अपनी गाय को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचने का निश्चय किया। उसने गाय को तहसीलदार की जीप से बांध दिया और दफ्तर में जाकर रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी को ढूंढने लगी। महिला ने दफ्तर के लोगों से कहा, “अगर पैसे नहीं हैं, तो मेरी गाय रख लो, लेकिन मुझे स्टे ऑर्डर दे दो, वरना दबंग मेरी जमीन पर कब्जा कर लेंगे।”
आत्महत्या की धमकी से मचा हड़कंप
स्थिति तब और बिगड़ गई जब महिला ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उसे स्टे ऑर्डर नहीं मिला, तो वह आत्महत्या कर लेगी। दफ्तर में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी घबरा गए। यह स्थिति देखते हुए रिश्वत मांगने वाला कर्मचारी मौका पाकर दफ्तर से भाग खड़ा हुआ।
अधिकारियों पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की पोल खोल दी है। महिला द्वारा की गई इस कार्रवाई से न सिर्फ कर्मचारी भाग निकला, बल्कि पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया। फिलहाल, सवाल यह उठ रहा है कि क्या महिला को न्याय मिलेगा और रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की उम्मीद
यह मामला अब अधिकारियों की नजर में है, और देखना होगा कि प्रशासन इस महिला की गुहार सुनता है या नहीं। भ्रष्टाचार के खिलाफ महिला की अनोखी लड़ाई ने एक बार फिर समाज में रिश्वतखोरी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत को उजागर किया है।