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मंत्रालय में सेवा कर्मचारियों के 68 प्रतिशत पद खाली, पदों के लैप्स होने का खतरा

भोपाल। मध्य प्रदेश के मंत्रालय में सेवा कर्मचारियों की भारी कमी सामने आई है, जिससे कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय सेवा में स्वीकृत 2244 पदों में से केवल 865 पद ही भरे गए हैं, जबकि 1379 पद खाली पड़े हैं। इनमें से कई पदों पर वर्षों से कोई नियुक्ति नहीं हुई, जिसके चलते अब इन पदों के लैप्स होने का खतरा मंडरा रहा है।

खाली पड़े पदों की स्थिति

मंत्रालय सेवा के कई महत्वपूर्ण पद, जैसे सहायक अनुभाग अधिकारी, सहायक ग्रेड-2, और सहायक ग्रेड-3, वर्षों से खाली पड़े हैं। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की स्थिति भी बेहद खराब है, जिसमें से केवल 261 पद भरे गए हैं, जबकि 441 पद स्वीकृत हैं। इसके अलावा, घड़ीसाज और टेलर जैसे तकनीकी पदों पर भी लंबे समय से कोई नियुक्ति नहीं हुई है। इन पदों पर आखिरी भर्ती वर्षों पहले हुई थी, और वर्तमान में इनकी आवश्यकता भी खत्म हो चुकी है, फिर भी इन पदों को मर्ज नहीं किया गया है।

कर्मचारियों की कमी से कामकाज पर असर

मंत्रालय में कर्मचारियों की कमी का सीधा असर कामकाज पर पड़ा है। जिन कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त हो गए, उनके हिस्से का काम मौजूदा कर्मचारियों पर डाल दिया गया है, जिससे काम की गति धीमी हो गई है। विभागों द्वारा दिए गए कामों की धीमी प्रगति से प्रदेश के निचले स्तर पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।

भर्ती प्रक्रिया ठप, भविष्य में और कम होंगे कर्मचारी

मंत्रालय सेवा में भर्ती की प्रक्रिया लंबे समय से ठप पड़ी है। वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों में से भी बड़ी संख्या में 2031 तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे, जिससे कर्मचारियों की संख्या और कम हो जाएगी। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय में कार्यरत कर्मचारी संघों को इन खाली पदों के लैप्स होने का खतरा सता रहा है।

सरकारी योजनाओं के संचालन में दिक्कत

मंत्रालय सेवा के कर्मचारियों को सरकार की रीति-नीति का अधिक अनुभव होता है, क्योंकि इन्हें मंत्रालय में ही कार्यरत रखा जाता है। इनकी नियुक्ति किसी अन्य विभाग में नहीं की जाती, इसलिए यह कर्मचारी सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन खाली पदों और कर्मचारियों की कमी के कारण सरकारी योजनाओं के संचालन में भी दिक्कतें आ रही हैं।

मंत्रालय सेवा के अधिकांश पद खाली पड़े हैं और भर्ती प्रक्रिया के ठप होने से सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न हो रही है। अगर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो मंत्रालय के कई महत्वपूर्ण पद लैप्स हो सकते हैं, जिससे भविष्य में कर्मचारियों की कमी और गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।

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