भोपाल :- मध्य प्रदेश की 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव पूरा होने तक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फैसला किया है कि वह ग्वालियर में रहेंगे। ग्वालियर में ही कांग्रेस पार्टी का चुनाव मुख्यालय बनाया जाएगा। बता दें कि ग्वालियर-चंबल संभाग की 17 सीटों पर उपचुनाव होना है। यही क्षेत्र है जो कमलनाथ के भविष्य का निर्धारण करेगा।
सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर में कमलनाथ के लिए एक आलीशान बंगले की तलाश की जा रही है। ताकि उनकी शान ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कमतर नजर ना आए। ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया का घर यानी जय विलास पैलेस (600 कमरे वाला महल) है। बताया जा रहा है कि 20 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के बाद कमलनाथ ग्वालियर में ही रहेंगे। इसकी वजह भी है, ग्वालियर-चंबल संभाग में ही सबसे ज्यादा 17 सीटों पर उपचुनाव होना है। (16 सिंधिया समर्थक और एक विधायक के निधन से रिक्त विधानसभा क्षेत्र) कमलनाथ का फोकस भी इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों पर जयदा रहने वाला है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं ग्वालियर चंबल संभाग की राजनीति से परिचित लोगों का मानना है कि यह इलाका सिंधिया राजवंश के अलावा दिग्विजय सिंह की मजबूत पकड़ वाला क्षेत्र है। ग्वालियर चंबल संभाग के गांव-गांव में दिग्विजय सिंह के कार्यकर्ता मौजूद है। फिर क्या कारण है कि कमलनाथ किस इलाके में कांग्रेस को कमजोर मान रहे हैं और पार्टी को मजबूत करने के लिए खुद वाले जाने का फैसला कर रहे हैं। कहीं चुनाव के बहाने कमलनाथ ग्वालियर-चंबल संभाग में खुद को दिग्विजय सिंह से ज्यादा मजबूत करने
ग्वालियर-चंबल संभाग की 17 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। हर सीट पर कांग्रेस पार्टी के पास मजबूत प्रत्याशी है। बावजूद इसके मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से अनौपचारिक तौर पर बार-बार दोहराए जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रत्याशियों का टूटा है। यह भी खुलकर बताया जा रहा है कि कमलनाथ की मंशा इस बार भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं को टिकट देने की है। सवाल यह है कि क्या कमलनाथ के इस तरीके के फैसलों से कांग्रेस के कार्यकर्ता बगावत नहीं कर देगा अब यह देखने बाली बात होगी।