भोपाल। नगरीय निकायों के चुनाव का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में जाने के बाद पंचायतों के चुनाव में भी पेंच उलझ गया है। इसकी वजह अब तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश की 52 जिला पंचायतों के अध्यक्षों का आरक्षण नहीं किया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के लिए पत्र लिखा है। पंचायत विभाग ने अफसरों से जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में कोरोना की गाइडलाइन के हिसाब से सभी तैयारी पूरी करने को कहा है। आयोग की तैयारी है कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक भी जिला पंचायतों के अध्यक्ष की आरक्षण प्रक्रिया पूरी होती है तो पंचायतों के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।
इसके हिसाब से अप्रैल में चुनाव का एक चरण पूरा करवाया जा सकता है। पंचायतों के चुनाव तीन चरणों में कराए जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक चरण में उपयोग होने वाली ईवीएम को चुनाव के बाद उपयोग में लेने के लिए 18 दिन का समय प्रोग्रामिंग के लिए चाहिए। इस लिहाज से 54 दिन का समय तकनीकी रूप से चुनावी तैयारियों में लगेगा। यानी अगले दो चरण के चुनाव मई में 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परिक्षाएं पूरी होने के बाद करवाए जा सकें। पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया में तीन महीने का समय लगने की संभावना है।