ग्वालियर :- कानपुर के बिकरू गाँव में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या करके फरार हुए और फिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में नाटकीय ढंग से सरेंडर होने के बाद कानपुर के पास एक कथित मुठभेड़ में मारे गए पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब पुलिस अब उन बाकी बदमाशों की तलाश में जुटी है जो या तो बिकरू कांड में विकास के साथ थे या फिर उन्हें संरक्षण देते रहे।
इस मामले में कानपुर पुलिस ने दो लोगों की ग्वालियर से गिरफ्तारी का दावा किया है। जबकि ग्वालियर पुलिस ने इससे अनभिज्ञता प्रकट की है। पकड़े गये दोनों साथियों ने विकास को संरक्षण दिया था। पता चला है कि विकास दुबे की मदद करने के आरोप में ओम प्रकाश पाण्डेय और अनिल पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया है। विकास दुबे के एनकाउन्टर से पहले मिली थी सूचना। विकास के साथी शशिकान्त पाण्डेय और शिवम दुबे को आश्रय देने के चलते गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों पर विकास दुबे के दो साथियों को रुकवाने में मदद का आरोप है। यह मामला विकास दुबे के एनकाउंटर से दो दिन पहले का है।
कानपुर की चैबेपुर थाना पुलिस ने एक प्रेस नोट जांरी कर बताया है कि बिकरू हत्याकांड में शामिल नामजद इनामी आरोपी शशिकांत पांडे और शिवम दुबे हत्याकांड के बाद भागकर ग्वालियर आया था और यहां भगतसिंह नगर थाना गोला का मंदिर निवासी ओम प्रकाश पांडे और सागरताल के पास निवासी अनिल पांडे ने इनको शरण दी थी। पुलिस ने जब तक इनके यहां दबिश दी तब तक ये भाग निकले लेकिन कानपुर पुलिस प्रेम और अनिल को पकड़ ले गई और इन्हें संरक्षण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में फिलहाल ग्वालियर पुलिस पूरी तरह अनभिज्ञ बनी हुई है। ग्वालियर जोन के एडीजी राजबाबू सिंह का कहना है कि यहां पुलिस को ऐसी कोई जानकारी नही है। मीडिया के जरिये जानकारी मिली है। वे सूचना की तस्दीक करवा रहे है।
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