ग्वालियर। कोरोना की लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है। यही कारण है कि इसके लिए सख्ती बढ़ाई, लोगों को जागरूक किया और सारे काम छोड़ सरकारी अमला भी मैदान में उतर गया। नतीजा वैक्सीन का कोटा ही कम कर दिया गया है। वैक्सीन की भरपूर सप्लाई न होने के कारण अब टीकाकरण केंद्राें और लोगों को जागरूक कर एक जगह जुटाने पर वैक्सीन ही पूरी नहीं मिल रही है। ग्वालियर में 30-30 हजार के प्रतिदिन का लक्ष्य से अब 10 हजार पर आंकड़ा आ ठहरा है। इसका कारण शासन स्तर से वैक्सीन की सप्लाई न मिलना है। गुरुवार को 12 हजार वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य रखा गया था और नौ हजार ही वैक्सीन लगी, हकीकत में वैक्सीन ही इतनी थी। बुधवार को भी गिरवाई पर कर्मचारियों के टीकाकरण में 200 वैक्सीन कम पड़ गई थीं। शुक्रवार के लिए सिर्फ चार हजार वैक्सीन मिलीं।
ज्ञात रहे कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर घटने के बाद अब प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने टीकाकरण को बतौर अभियान के रूप में लिया है। प्रशासन ने अपने अफसरों और स्वास्थ्य विभाग को टारगेट दिया था कि 25 जून तक 10 लाख लोगों को वैक्सीन लग जाना चाहिए। प्रशासन के अफसरों और अमले ने बाजार, गली, मोहल्लों में मुनादी, घर-घर दस्तक और टीकाकरण नहीं तो काम नहीं की तर्ज पर सक्रियता दिखाई है। अब टीकाकरण के लिए अभियान चला तो वैक्सीन कम पड़ने लग गई है।
कोरोना से टीकाकरण के जरिए जंग जीतने में भरपूर कोटा चाहिए। करीब 30 हजार वैक्सीन का कोटा रिजर्व में होगा तब टीकाकरण रफ्तार पकड़ेगा। 15 से 20 हजार वैक्सीन तो रोज लगेगी ही। अभी पांच-दस हजार वैक्सीन के कोटे में वैक्सीन कहीं भेज नहीं पाते।
टीकाकरण अभियान के तहत गुरुवार को 12 हजार 795 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 9026 लोगों ने टीकाकरण कराया है। शहरी क्षेत्र में 7205 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 4752 लोगों ने टीका लगवाया है। इनमें 18 से 44 आयु वर्ग के लिए 4795 का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 3863 युवाओं ने टीका लगवाया है। वहीं 45 से 60 साल के 1300 लोगों को प्रथम डोज का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 656 ने टीका लगवाया है। इसी प्रकार 45 साल से अधिक आयु वाले को दूसरा डोज लगना था, इसके लिए 1110 कोवैक्सीन का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से 233 लोगों ने पहुंचकर टीका लगावाया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 4140 युवाओं को टीका लगना था, इसमें से 3487 ने टीका लगवाया है। 45 साल से अधिक आयु वाले के लिए 1330 का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 783 लोगों ने टीकाकरण कराया। वहीं कोवैक्सीन के दूसरे डोज के लिए 120 का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से मात्र 4 लोगों ने ही दूसरा डोज लगवाया है।