भोपाल : भोपाल से BJP की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को एक बार फिर 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए ATS चीफ हेमंत करकरे को लेकर विवादास्पद बयान दिया। प्रज्ञा भोपाल के टाउन हॉल में मीसाबंदी सम्मान समारोह में बोल रही थीं। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी लगी थी 1975 में, और एक इमरजेंसी जैसी अवस्था बनी थी 2008 में। जिस दिन मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अंदर किया गया। मैंने स्वयं उस चीज को झेला भी है, देखा भी है और सुना भी है।
मेरे आचार्य जी जिन्होंने मुझे कक्षा आठवी में पढ़ाया, उनकी उस हेमंत करकरे ने, जिसको लोग देशभक्त कहते हैं, वहां के लोग थकते नहीं हैं, लेकिन वास्तव में जो लोग देशभक्त हैं, वे उसे देशभक्त नहीं कहते हैं। भय बनाने के लिए उसने हमें पढ़ाने वाले आचार्य जी और शिक्षक की उंगलियां तोड़ीं और पसलियां तोड़ी। ये किस लिए था। क्या ये लोकतांत्रिक था। प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा आतंकवाद का साथ देना है। देश भक्तों, साधु-संतों को जेल में डालना, महिलाओं पर अत्याचार करना, गो हत्या करना, धारा-370 वापस लगाना, यह कांग्रेस की विचारधारा है। बंगाल में वामपंथी और देशद्रोहियों का कांग्रेस साथ देती है।
उन्होंने कहा कि कभी भी कांग्रेसियों की विचारधारा में देशभक्ति नहीं सुनी होगी। आतंकवादियों की मौत पर रोने वाली कांग्रेस की विचारधारा है। जब भी देश में विकास की बात, सामाजिक समरसता की बात होती है, तो कांग्रेस चिल्लाती है कि यह कांग्रेस की विचारधारा है। प्रज्ञा सिंह पहले भी हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दे चुकी हैं। इससे पहले साध्वी ने दो साल पहले कहा था कि हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था। उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जिस दिन मैं जेल गई थी, उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया।