केंद्र सरकार में बड़े बदलाव की संभावनाएं जताई जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक मोदी कैबिनेट का बुधवार को विस्तार हो सकता है. पीएम मोदी इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा कर चुके हैं. मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार 7 या 8 जुलाई को हो सकता है. संतोषजनक काम नहीं करने वाले मंत्रियों को हटाया जा सकता है.
मोदी सरकार के कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं. मोदी सरकार 2.0 के गठन को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं. संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में पांच राज्यों में चुनाव को देखते हुए वहां के जातिगत और राजनीतिक समीकरण की छाप भी नजर आ सकती है.
सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट में बदलाव पीएम मोदी के बाकी बचे तीन सालों के कार्यकाल के लिए प्रशासनिक शासन को आकार देने की रणनीति भी होगी. साथ ही आने वाले विभिन्न चुनावों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को सही करके एक राजनीतिक संकेत भेजने की भी उम्मीद होगी.
कुछ जानकारों ने कहा कि , ”यह पीएम द्वारा मध्यावधि सुधार होगा”नियमों के अनुसार, मोदी कैबिनेट में 81 सदस्य हो सकते हैं, जबकि वर्तमान समय में 53 मंत्री हैं. सूत्रों का कहना है कि पीएम सरकार के प्रशासनिक और राजनीतिक सुधार के लिए खाली पड़े 28 पदों में से कुछ को भर सकते हैं.कई नेता लंबे समय से कैबिनेट फेरबदल के इंतजार में हैं. ऐसे में जो लोग इंतजार कर रहे हैं और जिन्हें शामिल किया जा सकता है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं.
मध्यप्रदेश से एक और दिग्गज कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी चर्चा में है. हाल ही में पश्चिम बंगाल में उन्हें चुनाव प्रभारी बनाया गया था. हालांकि बंगाल में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला, लेकिन वे पार्टी को 2 सीट से 70 सीटों तक पहुंचाने में सफल रहे. उन्हें बंगाल में तपने का इनाम मिल सकता है. एक और कारण ये भी है कि मध्य प्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय की वापसी फिलहाल आसान नहीं लग रही. उनके राज्य की राजनीति में फिर से आने से कई समीकरण बनने और बिगड़ने का रिस्क है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में मनमुटाव होने से अच्छा है कि उन्हें केन्द्र में व्यस्त कर दें.